• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

मोबाइल ऐप बना आतंकियों का नया हथियार, पहलगाम के जंगलों से ऐसे पहुंचे टूरिस्ट स्पॉट तक

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना में 28 बेगुनाह पर्यटकों की जान चली गई। अब जांच एजेंसियों की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा...
featured-img

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना में 28 बेगुनाह पर्यटकों की जान चली गई। अब जांच एजेंसियों की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है—हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने किसी GPS या नक्शे का नहीं, बल्कि एक हाई-टेक मोबाइल ऐप का सहारा लिया था।

ऐप के जरिए जंगलों में मिली 'डिजिटल आंखें'

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आतंकियों ने एक मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से पहलगाम के घने और दुर्गम जंगलों को पार किया। इस ऐप की मदद से आतंकियों ने न सिर्फ इलाके की सटीक जानकारी हासिल की, बल्कि सीधा उस जगह तक पहुंचने में सफल रहे जहां पर्यटकों की भारी भीड़ थी।

क्यों हुआ इस ऐप का इस्तेमाल?

दरअसल, यह ऐप एक एन्क्रिप्टेड (Encrypted) सिस्टम पर काम करता है जिसे ट्रैक करना सामान्य तौर पर बेहद मुश्किल होता है। भारतीय एजेंसियों की नजर से बचने के लिए आतंकियों ने जानबूझकर इस ऐप का इस्तेमाल किया। यही नहीं, इस तकनीक को पाकिस्तानी सेना और ISI की मदद से तैयार किया गया था।

Pahalgam Terrorist Attack Updates

सीमा पार से मिली ट्रेनिंग, लश्कर और जैश की मिलीभगत से हुआ हमला

सिर्फ ऐप ही नहीं, आतंकियों को इस ऐप के इस्तेमाल की बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में बैठे हैंडलर ने न सिर्फ इस ऐप को चलाना सिखाया, बल्कि जंगलों में छिपने और टारगेट हिट करने की पूरी रणनीति भी समझाई थी। पहलगाम हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का हाथ माना जा रहा है। दोनों आतंकी संगठनों ने मिलकर 'हिट स्क्वॉड' तैयार किया और अमरनाथ यात्रा से पहले दहशत फैलाने का मकसद बनाया।

'फाल्कन स्क्वॉड' और 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' का नया मॉड्यूल

जांच एजेंसियों के अनुसार इस हमले के पीछे लश्कर का मुखौटा संगठन ‘The Resistance Front’ (TRF) है, जिसका खास 'फाल्कन स्क्वॉड' इस प्रकार के ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित है। यह स्क्वॉड ‘हिट एंड रन’ रणनीति में माहिर है और आधुनिक हथियारों से लैस रहता है। इनकी योजना होती है—हमला करो और जंगलों में गायब हो जाओ।

आतंकियों की नई रणनीति: तकनीक, ट्रेंडिंग और टेरर

पहलगाम का हमला साफ दिखाता है कि आतंकवादी अब सिर्फ बंदूक पर नहीं, टेक्नोलॉजी पर भी भरोसा कर रहे हैं। जंगलों में रास्ता तलाशने से लेकर हमला करने तक, सबकुछ डिजिटल तरीके से प्लान किया जा रहा है। इस हमले ने एक नई हकीकत से पर्दा उठाया है – अब आतंकवाद तकनीक की मदद से ज्यादा घातक बन गया है।

Pahalgam Terrorist Attack

डिजिटली भी उन्नत होना होगा

जहां पहले आतंकवादी सिर्फ बंदूक और बारूद से हमले करते थे, अब उनके पास मोबाइल ऐप्स, GPS और एनक्रिप्शन जैसे डिजिटल हथियार भी हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने अब एक नई चुनौती है – "डिजिटल आतंकवाद"। भारत को अब ना सिर्फ सीमाओं पर सतर्क रहना होगा, बल्कि डिजिटल सीमाओं की भी निगरानी करनी होगी।

यह भी पढ़ें:

Pahalgam Terror Attack: कलमा पढ़वाया, पैंट उतारवाई, हिंदुओं को मारने के पीछे क्या साजिश?

Pahalgam Attack Update: हमले के बाद बड़ा एक्शन, हिरासत में लिए गए 1450 संदिग्ध लोग, पूछताछ जारी

Pahalgam Attack: पहलगाम का दंश, पत्नी के साथ छुट्टियां मना रहा था जयपुर का CA.... आतंकियों ने नाम पूछा और भून दिया!

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज