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ऑपरेशन सिंदूर: राफेल ने एक झटके में उड़ाया आतंकियों का मरकज, जानिए क्या है इसका मतलब

ऑपरेशन सिंदूर में राफेल ने जैश और लश्कर के मरकज को तबाह किया। जानिए मरकज का मतलब, बहावलपुर और मुरिदके के आतंकी ठिकानों की कहानी और भारत की सर्जिकल स्ट्राइक।
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पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की जान ले ली, तो भारत ने चुप नहीं बैठा। बुधवार तड़के 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान और PoK में आतंकियों के 9 ठिकानों को मिसाइलों से तबाह कर दिया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर वाला मरकज और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके वाला हेडक्वार्टर भी शामिल था। लेकिन ये मरकज होता क्या है? आइए, पूरी कहानी समझते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकियों की कमर तोड़ी

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। 26 लोग मारे गए, ज्यादातर टूरिस्ट। भारत ने इसका जवाब देने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया। राफेल विमानों ने रात के अंधेरे में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। खास बात? ये हमले इतने सटीक थे कि पाकिस्तान की कोई मिलिट्री सुविधा को छुआ तक नहीं गया। रक्षा मंत्रालय ने कहा, "हमारा फोकस सिर्फ आतंकी ढांचे पर था, और हमने इसे संयम से अंजाम दिया।"

राफेल का जलवा: मरकज को बनाया मलबा

इस ऑपरेशन में राफेल विमानों ने स्कैल्प क्रूज मिसाइलों और हैमर बमों का इस्तेमाल किया। जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, जो आतंकियों का बड़ा अड्डा था HIMSELF, पल भर में मलबे में बदल गया। ये जगह जैश का ऑपरेशनल हेडक्वार्टर थी, जहां से आतंकी हमलों की साजिश रची जाती थी। X पर कुछ यूजर्स ने लिखा कि इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए।

मरकज का मतलब: आतंक का गढ़

अब सवाल ये कि मरकज आखिर है क्या? मरकज अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है 'केंद्र' या 'हेडक्वार्टर'। आतंकी संगठनों के लिए मरकज वो जगह होती है, जहां वो अपने गुंडों को ट्रेनिंग देते हैं, हथियार जुटाते हैं, और हमलों की प्लानिंग करते हैं। बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, जो 15 एकड़ में फैला था, जैश का ऐसा ही गढ़ था। यहां 600 से ज्यादा आतंकी कैडर रहते थे, और यहीं से 2019 के पुलवामा हमले की साजिश रची गई थी।

लश्कर का मुरिदके मरकज: सबसे बड़ा टारगेट

ऑपरेशन का सबसे बड़ा निशाना था लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके में मरकज तैयबा। लाहौर से 30 किमी दूर, 82 एकड़ में फैला ये परिसर लश्कर का दिल माना जाता है। X पर ANI ने पोस्ट किया कि 2000 में बने इस मरकज में आतंकियों को दावत, हथियार ट्रेनिंग और ब्रेनवॉशिंग का डोज दिया जाता था। खबर है कि इसे अल-कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन ने 1 करोड़ की फंडिंग दी थी। 26/11 मुंबई हमले के गुनहगार अजमल कसाब को भी यहीं ट्रेनिंग दी गई थी।

राफेल की ताकत: बिना सीमा पार किए धमाका

ऑपरेशन सिंदूर की सबसे खास बात थी कि राफेल ने बिना पाकिस्तानी हवाई सीमा में घुसे 200 किमी दूर तक निशाना साधा। स्कैल्प मिसाइलें, जो 300 किमी तक मार कर सकती हैं, और हैमर बमों ने आतंकी ठिकानों को पिनपॉइंट सटीकता से उड़ा दिया। राफेल की स्टील्थ टेक्नोलॉजी और लंबी रेंज ने पाकिस्तान के रडार को चकमा दे दिया।

क्यों चुना गया बहावलपुर?

बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ है। यहां मरकज सुभान अल्लाह में मसूद अजहर का परिवार भी रहता था। मसूद ने दावा किया कि इस हमले में उसके 10 परिवार वाले और 4 करीबी मारे गए, जिसमें उसकी बहन, भांजा और 5 बच्चे शामिल हैं। ये मरकज आतंकियों की भर्ती, फंडिंग और ब्रेनवॉशिंग का सेंटर था। 18 एकड़ में फैला ये कैंप जैश का ऑपरेशनल बेस था, जिसे भारत ने बख्शा नहीं। ऑपरेशन सिंदूर ने साफ कर दिया कि भारत अब आतंकियों को उनके घर में घुसकर जवाब देगा। मरकज जैसे आतंकी अड्डों को तबाह करके भारत ने दुनिया को बता दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी जंग रुकेगी नहीं।

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