12 सालो में एक बार महाकुंभ इस एक कारण की वजह होता हैं 

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कुंभ मेला समुद्र मंथन से जुड़ा है, जहां अमृत घट की रक्षा के लिए देवताओं और असुरों के बीच संघर्ष हुआ था।

अमृत कलश की कहानी

देवताओं ने अमृत कलश को असुरों से बचाने के लिए 12 दिनों तक छिपाया। इस दौरान अमृत की बूंदें हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में गिरीं।

12 वर्षों का चक्र

हर 12 साल में एक बार महा कुंभ का आयोजन इन चार पवित्र स्थलों पर होता है, जो ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित है।

पवित्र स्नान का महत्व

कुंभ के दौरान पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कुंभ मेले में साधु-संतों का विशाल जमावड़ा होता है। यहां आध्यात्मिकता और भक्ति का संगम देखने को मिलता है।

कुंभ मेला का विश्व रिकॉर्ड

महा कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। 2013 में प्रयागराज कुंभ में 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए।

महा कुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है।

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