महाशिवरात्रि 2025: ये 3 अद्भुत शिव मंदिर जो पानी में डूब जाते हैं

नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर

यह मंदिर महाराष्ट्र में स्थित है और मानसून के समय पूरी तरह पानी में डूब जाता है। इसे प्रकृति और भगवान शिव का अद्भुत समागम माना जाता है।

क्यों डूबता है नीलकंठेश्वर

यह मंदिर एक चमत्कारिक चक्रीय जल-स्तर के कारण डूबता है। भक्त इसे शिव के असीम रूप का प्रतीक मानते हैं।

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर

 गुजरात के कावी-कंबोई में स्थित यह मंदिर ज्वार-भाटा के समय पानी में डूब जाता है। स्कंद पुराण में इसका उल्लेख मिलता है।

स्तंभेश्वर की जल महिमा

ज्वार-भाटा के समय शिवलिंग दर्शन करना शुभ माना जाता है। भक्त इसे शिव और सृष्टि के संतुलन का प्रतीक मानते हैं।

निष्कलंक महादेव मंदिर

गुजरात के भावनगर में स्थित इस मंदिर में पाँच अलग-अलग शिवलिंग हैं। इसे पांडवों की तपस्या का प्रतीक माना जाता है।

निष्कलंक महादेव: पवित्रता का प्रतीक

पाँच शिवलिंग भगवान शिव की पाँच शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह स्थान आध्यात्मिक शुद्धिकरण के लिए प्रसिद्ध है।

इन मंदिरों में जाकर शिव की अनंत शक्तियों और प्रकृति के चमत्कार को महसूस करें।

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