महाकुंभ 2025 पहला शाही स्नान: जानें पुण्य लाभ के लिए जरूरी नियम

महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान एक खास धार्मिक परंपरा है। इसे शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन साधु-संत संगम में डुबकी लगाते हैं। जानिए इसका महत्व और खास नियम।

पहला शाही स्नान कब होगा


पहला शाही स्नान 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन होगा। यह शुभ मुहूर्त सुबह 5:03 बजे से शुरू होगा और अगले दिन रात 3:56 बजे तक रहेगा।

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:27 से 6:21

विजय मुहूर्त: दोपहर 2:15 से 2:57

गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:42 से 6:09

शाही स्नान के नियम क्या हैं?

पहले साधु-संत स्नान करते हैं।

आम श्रद्धालु उनके बाद डुबकी लगाते हैं।

स्नान से पहले पवित्रता और नियमों का पालन जरूरी है।

महाकुंभ में स्नान का महत्व

महाकुंभ में स्नान करने से पाप खत्म होते हैं और आत्मा शुद्ध होती है। त्रिवेणी संगम का जल नक्षत्रों और ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण अत्यंत पवित्र होता है।

प्रयागराज का त्रिवेणी संगम

प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम है। इसे त्रिवेणी संगम कहते हैं। यहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाकुंभ के दौरान अमृत की बूंद

मान्यता है कि प्रयागराज उन चार स्थानों में से एक है, जहां अमृत की बूंदें गिरी थीं। इसीलिए यहां स्नान को बेहद शुभ माना जाता है।

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