चमगादड़ से लेकर डॉल्फिन तक: अल्ट्रासोनिक सुनने वाले जीनियस जानवर
कुछ जानवर अल्ट्रासोनिक यानी इंसानों की सुनने की सीमा से बाहर की आवाज़ें भी सुन सकते हैं। ये उनकी खास ताकत है, जो उन्हें प्रकृति में जीवित रहने में मदद करती है।
कुत्ते अल्ट्रासोनिक फ्रीक्वेंसी सुन सकते हैं, खासकर 45,000 Hz तक। यही कारण है कि डॉग-व्हिसल्स उनके लिए काम करती हैं।
चमगादड़ इकोलोकेशन तकनीक से अल्ट्रासोनिक आवाज़ों का उपयोग कर अंधेरे में रास्ता ढूंढते हैं और शिकार पकड़ते हैं।
डॉल्फिन पानी में अल्ट्रासोनिक तरंगों का उपयोग करके कम्युनिकेशन करती हैं और अपने आसपास का पता लगाती हैं।
चूहे आपस में अल्ट्रासोनिक फ्रीक्वेंसी में संवाद करते हैं। यह उनके सामाजिक जीवन और सुरक्षा के लिए बेहद अहम है।
शार्क अल्ट्रासोनिक फ्रीक्वेंसी सुनने में माहिर हैं, जो उन्हें शिकार करने और खतरा महसूस करने में मदद करती है।
यह शक्ति जानवरों को बेहतर शिकार, संचार, और सुरक्षा में मदद करती है। इंसान भले ही यह न सुन सके, लेकिन इन जानवरों के लिए यह जिंदगी का अहम हिस्सा है।