नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसचुनाव

नवरात्रि 2022 दिन 7: माता कालरात्रि की पूजा, जानिए पूजा अनुष्ठान और मंत्र

शरद नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। 02 अक्टूबर शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। नवरात्रि के सातवें दिन महासप्तमी आती है। इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। हमेशा शुभ फल...
07:11 PM Oct 01, 2022 IST | mediology
featuredImage featuredImage

शरद नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। 02 अक्टूबर शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। नवरात्रि के सातवें दिन महासप्तमी आती है। इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। हमेशा शुभ फल देने के लिए इन्हें शुभांकरी भी कहा जाता है। कालरात्रि को दुष्टों का नाश करने के लिए जाना जाता है, इसलिए इसका नाम कालरात्रि पड़ा। मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि तीन आंखों वाली देवी हैं। कहा जाता है कि जो भी नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने से भय और रोग का नाश होता है। साथ ही भूत, असमय मृत्यु, रोग, शोक आदि सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

मां कालरात्रि का एक रूप

ऐसा कहा जाता है कि शुंभ, निशुंभ और रक्तबीज को मारने के लिए देवी दुर्गा को कालरात्रि का रूप धारण करना पड़ा था। देवी कालरात्रि का शरीर अन्धकार के समान काला है। उसकी सांस से आग निकलती है। मां के बाल लंबे और बेजान होते हैं। हार बिजली की तरह चमकता है। मां की तीन आंखें ब्रह्मांड की तरह विशाल और गोल हैं। माता के चार हाथ हैं, एक हाथ में खडग यानि तलवार, दूसरे में लोहे का हथियार, तीसरा हाथ अभय मुद्रा में और चौथा हाथ वरमुद्रा में है।

यह पढ़े:- इतिहास में दर्ज है आज की तारीख, भारत ने आज बनाया नया इतिहास- नरेंद्र मोदी

पूजा की विधि

सप्तमी तिथि की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पूजा शुरू करनी चाहिए। स्नान के बाद मां के सामने घी का दीपक जलाएं। उसे लाल फूल चढ़ाएं। मां कालरात्रि पूजा में मिठाई, पांच फल, अक्षत, धूप, सुगंध, फूल और गुड़, नैवेद्य आदि का प्रसाद होता है। इस दिन गुड़ का विशेष महत्व है। मां कालरात्रि को गुड़ या उससे बना कोई व्यंजन चढ़ाएं। पूजा समाप्त होने के बाद माता के मंत्रों का जाप करें और उनकी आरती करें। दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करें।

मंत्र

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
ॐ कालरात्र्यै नम:
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।

ध्यान मंत्र

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

Tags :
9days festivalday7festivalgarba festivalgarba2022GujaratindiaNarendra ModiNAVRATRANAVRATRInavratri 2002NAVRATRI 2022news

ट्रेंडिंग खबरें