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Waqf Bill Controversy: वक्फ बिल पर क्या फंस गया विपक्ष? क्या है BJP का प्लान ?

वक्फ संशोधन बिल को दो अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जाएगा। इससे पहले इस मुद्दे पर बहस और बढ़ने के आसार हैं।
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Waqf Bill Controversy: वक्फ संशोधन बिल को लेकर देशभर में सियासी सरगर्मी के बीच केंद्र सरकार इसे 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश करने की तैयारी कर रही है। (Waqf Bill Controversy) इससे पहले 8 अगस्त को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में रखा गया। मगर विपक्ष के विरोध करने की वजह से सरकार को इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजना पड़ा। अब दो अप्रैल को फिर वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश होगा। इस बीच सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि इस बिल का विपक्ष जितना विरोध करेगा, उतना भाजपा को चुनावी फायदा होगा।

कब पेश होगा वक्फ संशोधन बिल? 

वक्फ संशोधन बिल को लेकर पूरे देश में सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है, इस बीच केंद्र सरकार की ओर से दो अप्रैल को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश करने की तैयारी की जा रही है। इससे पहले इस बिल को 8 अगस्त को लोकसभा में पेश करने के बाद JPC को भेजा गया था। इसके बाद संसदीय समिति में 44 संशोधन रखे गए, जिनमें से करीब 14 संशोधन को स्वीकार कर लिया गया है। कैबिनेट से पहले ही संशोधित बिल को मंजूरी मिल चुकी है। मगर इस बीच सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि क्या वाकई यह बिल जल्द पारित होगा? या इस पर बहस से भाजपा को चुनावी फायदा मिलने वाला है?

वक्फ बिल पास कराना कितना मुश्किल?

वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पास कराना बीजेपी के लिए भी आसान काम नहीं है। केंद्र सरकार में JDU, TDP भाजपा की सहयोगी हैं। इन दोनों ही पार्टियों की मुस्लिम वोटर्स में अच्छी पैठ है। बिहार में विधानसभा चुनाव भी हैं, नीतीश कुमार लगातार ईद के मौके पर इफ्तार पार्टियों में काफी सक्रिय दिखे। JDU के एक सांसद भी खुलकर इसका विरोध कर चुके हैं। ऐसे में वक्फ बिल पर नीतीश कुमार का आसानी से मान जाना मुश्किल लगता है। TDP सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू भी वक्फ संपत्तियों की रक्षा को लेकर मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दे चुके हैं। लिहाजा पर्याप्त संख्या बल के बावजूद BJP के लिए यह बिल पास कराना आसान नहीं दिखता।

Waqf Bill Controversy

क्या वक्फ बिल पर फंस गया विपक्ष? 

सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि वक्फ संशोधन बिल पास कराने से ज्यादा इस पर बहस होने से भाजपा को ज्यादा फायदा होगा। आने वाले दिनों में बिहार और बंगाल में चुनाव हैं। 2027 में उत्तर प्रदेश में भी चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा भी चाहती है कि वक्फ बिल को लेकर चर्चा ज्यादा हो। जिससे लोगों को इस बात का पता लगे कि वक्फ बोर्ड के पास कितने असीमित अधिकार हैं।

वक्फ बोर्ड अगर किसी संपत्ति को अपना घोषित कर दे तो फिर वह व्यक्ति अदालत की शरण भी नहीं ले सकता। राजनीतिक जानकारों की राय में वक्फ बिल के कानून बनने की जगह इस पर जितनी बहस होगी, भाजपा को उतना ही चुनावी फायदा मिलने की उम्मीद है।  जबकि विपक्ष भाजपा के इस गेम प्लान में फंसता दिख रहा है और लगातार बिल का विरोध कर रहा है। भाजपा यही चाहती है कि विपक्ष इसका खूब विरोध करे, जिससे आम वोटर खुद ही विपक्ष को हिंदू विरोधी साबित करने लगे।

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