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चीन-अमेरिका की लड़ाई का असर, आपकी जेब होगी खाली....तेल, जूते, गद्दे सब उछलेंगे सबके दाम!

अमेरिका और चीन के बीच आर्थिक टकराव 2018 से चला आ रहा है, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाना शुरू किया था। यह व्यापार युद्ध समय...
11:51 AM Apr 10, 2025 IST | Rajesh Singhal

US-China Tariff War: अमेरिका और चीन के बीच आर्थिक टकराव 2018 से चला आ रहा है, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाना शुरू किया था। यह व्यापार युद्ध समय के साथ और तेज होता गया, लेकिन अब हालात और भी गंभीर हो गए हैं। अमेरिका ने हाल ही में चीन से आयात होने वाले कई उत्पादों पर टैरिफ 125% तक बढ़ा दिया है। इस फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव और वैश्विक महंगाई में इजाफा होने की आशंका है।

अमेरिका की तरफ से चीन के खिलाफ टैरिफ बढ़ोतरी करने का मुख्य मकसद घरेलू कंपनियों को निर्माण के लिए प्रेरित करना और चीनी सामान पर निर्भरता को कम करना है।(US-China Tariff War) ट्रंप का यह कदम केवल चीन ही नहीं, बल्कि अमेरिकी कंज्यूमर को भी प्रभावित करेगा, क्योंकि चीन से इम्पोर्ट होने वाला सस्ता सामान अब महंगा हो जाएगा. इससे अमेरिकी बाजार में महंगाई बढ़ सकती है।

अमेरिका में महंगाई की नई लहर

चीन, अमेरिका के सबसे बड़े निर्यातक देशों में से एक है। अमेरिकी बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की अच्छी-खासी सप्लाई चीन से होती है। इनमें खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान होते हैं, जिनमें स्मार्टफोन, कंप्यूटर, वीडियो गेम, लीथियम-आयन बैटरी आदि शामिल है। होम डेकोर और फर्नीचर में लाइट फिक्स्चर, सीटें, गद्दे चीन से अमेरिका में निर्यात किए जाते हैं। टेक्सटाइल की बात करें तो स्वेटर, कपड़े और जूते अमेरिकी बाजार में बड़ी संख्या में चीन से पहुंचते हैं। अन्य प्रोडक्ट में प्लास्टिक के बने सामान, मोटर गाड़ी के पुर्जे, पार्टी सजावट की चीजें, मेडिकल उपकरण आदि भी चीन एक्सपोर्ट करता है। अब टैरिफ बढ़ने से इन वस्तुओं की कीमत अमेरिका में बढ़ जाएगी।

चीन न केवल अमेरिकी बाजार में उत्पाद बेचता है, बल्कि उनसे प्रमुख उत्पाद भी आयात करता है। चीन अमेरिका से कृषि उत्पाद, ऊर्जा संसाधन, औद्योगिक मशीनरी और दवाइयां मुख्य रूप से आयात करता है। इसके अलावा, स्क्रैप कॉपर, एसीक्लिक हाइड्रोकार्बन और एथिलीन पॉलिमर भी चीन को अमेरिका से मिलते हैं। अगर चीन इन उत्पादों पर पलटवार करता है, तो अमेरिकी कृषि और तकनीकी कंपनियों को बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

 वैश्विक आर्थिक अस्थिरता का खतरा

2024 में अमेरिका और चीन के बीच व्यापार घाटा 295.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो 2023 से 5.8% अधिक है। अमेरिका से चीन को निर्यात में 2.9% की गिरावट आई, जबकि चीन से अमेरिका का आयात 2.8% बढ़ा। यह आंकड़ा दर्शाता है कि विवाद से चीन को भी नुकसान हो रहा है, लेकिन अमेरिका में उपभोक्ताओं पर भी असर पड़ रहा है। यदि दोनों देश पीछे नहीं हटे, तो यह घाटा और बढ़ सकता है, जिससे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता का खतरा बढ़ सकता है।

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