Surya Grahan 2025: नवरात्रि के पहले लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें भारत में कैसा होगा असर
Surya Grahan 2025: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र नवरात्रि शुरू होने के ठीक एक दिन पहले 29 मार्च को लगेगा। यह खगोलीय घटना भारतीय समयानुसार दोपहर 2:21 बजे से शाम 6:14 बजे के बीच होगी। इस दिन चैत्र अमावस्या (Surya Grahan 2025) का पर्व होगा जो हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन है।
यह आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जिसका अर्थ है कि चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ही ढक पाएगा। इस ग्रहण का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह से महत्व है, जिससे पर्यवेक्षकों को विशेष सावधानियों और प्रथाओं का पालन (Surya Grahan 2025) करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
क्या भारत में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत (Surya Grahan Impact in India) से दिखाई नहीं देगा। इसका अर्थ है कि देश में सूतक काल भी नहीं लगेगा। सूतक काल को हिंदू मान्यताओं में अशुभता का काल माना जाता है और इस समय के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए भारत के लोगों को कोई खास सावधानी बरतने की जरुरत नही होगी।
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
आंशिक सूर्य ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा, जिनमें शामिल हैं:
यूरोप - जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, स्पेन, फिनलैंड, आयरलैंड, स्वीडन, पोलैंड, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और बहुत कुछ।
अमेरिका - बरमूडा, उत्तरी ब्राजील, पूर्वी कनाडा और पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका।
अन्य क्षेत्र - उत्तरी रूस, मोरक्को, ग्रीनलैंड, बारबाडोस, डेनमार्क, लिथुआनिया, नीदरलैंड, पुर्तगाल और नॉर्वे।
सूर्य ग्रहण को सुरक्षित तरीके से कैसे देखें?
चंद्र ग्रहण के विपरीत, जिसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है, बिना उचित सुरक्षा के सूर्य ग्रहण (How to See Surya Grahan 2025) को देखने से आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञ इस घटना को सुरक्षित रूप से देखने के लिए विशेष ग्रहण चश्मे या सौर फिल्टर का उपयोग करने की दृढ़ता से सलाह देते हैं। नियमित धूप का चश्मा या अस्थायी फिल्टर सुरक्षित नहीं हैं और इन्हें कभी भी सीधे सूर्य को देखने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के सांस्कृतिक और पारंपरिक उपचार
कई संस्कृतियों में सूर्य ग्रहण से जुड़ी प्रथाएं और नियम हैं।
उपवास: ग्रहण के दौरान कुछ भी न खाना सामान्य प्रथा है।
व्यक्तिगत स्वच्छता: ग्रहण के दौरान स्नान करने से पहले और बाद में स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
गर्भवती महिलाएँ: परंपरा के अनुसार, गर्भवती महिला से अपेक्षा की जाती है कि वह खुद को और बच्चे को जोखिम में डालने से बचने के लिए बंद दरवाज़ों के भीतर रहे।
ध्यान और प्रार्थना: ऐसा माना जाता है कि ग्रहण काल के दौरान, इस प्रकार की गतिविधियां करना उत्पादक होता है।
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