राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला, जानिए कौन हैं ये वायुसेना अधिकारी जो करेंगे अंतरिक्ष यात्रा!
Shubhanshu Shukla: भारत 40 साल बाद एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में दस्तक देने को तैयार है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि चार दशकों के लंबे इंतजार के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अगले महीने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि यह केवल एक साधारण उड़ान नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत अंतरिक्ष खोज में एक नए स्तर पर पहुंच रहा है। (Shubhanshu Shukla)उन्होंने संसद में जानकारी दी कि भारत 2028 तक दो क्रू स्पेस फ्लाइट भेजने की योजना बना रहा है। इसके लिए बजट को 1.1 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2.32 अरब डॉलर कर दिया गया है। तो आइए जानते हैं कि शुभांशु शुक्ला कौन हैं और इस मिशन में क्या कुछ खास है।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना (IAF) के एक अनुभवी पायलट हैं और अब वे भारत के आधिकारिक अंतरिक्ष यात्री बनने जा रहे हैं। उनकी यात्रा की शुरुआत जून 2006 में हुई थी, जब उन्हें IAF की फाइटर विंग में कमीशन मिला। उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21 और MiG-29 जैसे लड़ाकू विमानों पर 2000 से अधिक घंटे की उड़ान भरी है। 2019 में इसरो ने उन्हें चुना और रूस में अंतरिक्ष यात्री ट्रैनिंग दिलवाया गया। 27 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गगनयान मिशन (भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, जिसे 2025 में लॉन्च किया जाएगा) के लिए नामित किया था।
एक्सिओम स्पेस का एक्स-4 मिशन
इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने कहा कि शुक्ला आगामी मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण व्यावहारिक अनुभव मिलने की उम्मीद है जो भारत के भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ान पहलों का समर्थन करेगा। भारतीय वायु सेना के एक सम्मानित परीक्षण पायलट शुक्ला को इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (एचएसपी) के तहत चुना गया था।
क्या है मिशन?
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्स-4 मिशन में उनकी भागीदारी से प्रक्षेपण प्रोटोकॉल, माइक्रोग्रैविटी अनुकूलन, आपातकालीन तैयारी और परिचालन अंतरिक्ष उड़ान में महत्वपूर्ण अनुभवात्मक अंतर्दृष्टि मिलने की उम्मीद है, जो मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की महत्वाकांक्षाओं के लिए सभी महत्वपूर्ण तत्व हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस मिशन को जो बात अलग बनाती है, वह है प्रतीकात्मक उपलब्धि के बजाय व्यावहारिक तैयारियों पर इसका ध्यान. रिपोर्ट में बताया गया है कि शुक्ला की आगामी यात्रा अंतरिक्ष में वैश्विक सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ भारत के गहन एकीकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक गंभीर खिलाड़ी के रूप में उभरने के उसके संकल्प को दर्शाता है।
पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी होंगे शामिल
शुक्ला का ISS (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) मिशन नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के नेतृत्व में स्पेसएक्स ड्रैगन यान के माध्यम से किया जाएगा। इस मिशन में पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगे। पोलैंड से स्लावोस उज्नान्स्की-विस्निवेस्की और हंगरी से टिबोर कापू उनके साथ अंतरिक्ष में यात्रा करेंगे।
भारत का यह पहला मानवयुक्त मिशन होगा जिसमें तीन अंतरिक्ष यात्री तीन दिन के लिए अंतरिक्ष में जाएंगे और फिर वापस लौट आएंगे। भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है।
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