मुस्लिम आरक्षण का नया पैंतरा? संबित पात्रा बोले....‘कांग्रेस संविधान बदलकर वोट बैंक की राजनीति कर रही!
Sambit Patra: भारतीय राजनीति में संविधान और आरक्षण से जुड़े मुद्दे हमेशा से ही बहस का केंद्र रहे हैं। हाल ही में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के 'संविधान बदलने' वाले बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे कांग्रेस की कथित तुष्टिकरण नीति का हिस्सा बताया है। भाजपा प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस और गांधी परिवार पर बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस संविधान में बदलाव कर मुस्लिम आरक्षण लागू करना चाहती है।
संबित पात्रा ने डी.के. शिवकुमार के बयान को कांग्रेस की मंशा का स्पष्ट संकेत बताया और कहा कि संविधान से छेड़छाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के (Sambit Patra) संविधान की रक्षा करने की बात कहते हुए दावा किया कि कांग्रेस अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों को छीनकर तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। इस बयान के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच एक नई सियासी जंग छिड़ गई है।
‘गांधी परिवार का असली एजेंडा बेनकाब’
संबित पात्रा ने कहा, "डीके शिवकुमार का यह बयान उनका निजी विचार नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस और गांधी परिवार का असली एजेंडा दर्शाता है।" उन्होंने सवाल किया कि "क्या कांग्रेस सत्ता में आने के बाद संविधान में बदलाव करके मुसलमानों को विशेष आरक्षण देना चाहती है?" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस अनुसूचित जाति और जनजातियों का आरक्षण मुसलमानों को देने की योजना बना रही है, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
‘नेहरू की नीति पर चल रही कांग्रेस’
भाजपा नेता ने कांग्रेस की विचारधारा पर हमला बोलते हुए कहा, "कांग्रेस आज भी नेहरू की विभाजनकारी नीति पर चल रही है। नेहरू ने सत्ता के लिए देश का बंटवारा किया था, और अब राहुल गांधी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए देश का पुनर्बंटवारा करना चाहते हैं।"
भाजपा सांसद लहर सिंह ने भी कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा, "डीके शिवकुमार का बयान बाबा साहेब अंबेडकर का सबसे बड़ा अपमान है। कांग्रेस हमेशा से संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास करती रही है। अब गांधी परिवार ने अपने सबसे करीबी सहयोगी डीके शिवकुमार के जरिए फिर से वही कोशिश शुरू कर दी है।"
कांग्रेस पर ‘संविधान विरोधी मानसिकता’ का आरोप
भाजपा नेताओं का दावा है कि कांग्रेस की सोच संविधान विरोधी रही है। उन्होंने इमरजेंसी का उदाहरण देते हुए कहा कि "इंदिरा गांधी ने 1975 में संविधान और लोकतंत्र का गला घोंट दिया था, और अब राहुल गांधी उसी नीति पर काम कर रहे हैं।" भाजपा का आरोप है कि "कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर चलते हुए संविधान में मनमाने बदलाव करना चाहती है।"
कर्नाटक सरकार की मुस्लिम आरक्षण नीति को लेकर कोर्ट में चुनौती दिए जाने पर डीके शिवकुमार ने कहा, "संविधान बदल रहा है, और कुछ फैसले संविधान को भी बदल सकते हैं।" भाजपा ने इस बयान को कांग्रेस की "मुस्लिम तुष्टिकरण नीति" करार देते हुए कहा कि "कांग्रेस की सरकारें बार-बार मुसलमानों को विशेष लाभ देने के लिए संविधान में छेड़छाड़ की कोशिश करती रही हैं।"
‘संविधान बचाओ’ का नारा
भाजपा ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए "संविधान बचाओ" अभियान शुरू करने का संकेत दिया है। भाजपा का दावा है कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद संविधान में मनमाने बदलाव करने की कोशिश करेगी, जिससे देश में अस्थिरता बढ़ेगी। वहीं, कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि "कांग्रेस संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रही है, जबकि भाजपा संविधान के मूल ढांचे को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।"
संविधान संशोधन और मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक हथियार बन सकता है। भाजपा इसे कांग्रेस के "संविधान विरोधी रवैये" के रूप में प्रचारित कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे "सामाजिक न्याय की लड़ाई" करार दे रही है। क्या भाजपा का यह आरोप सही है, या कांग्रेस को बेवजह घेरा जा रहा है? देश की राजनीति अब किस दिशा में जाएगी? बहस जारी है!
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