रीतलाल यादव ने कोर्ट में किया सरेंडर, क्या बढ़ेगी मुश्किलें? जानिए पूरा केस और विवाद!
Ritlal Yadav court surrender: रंगदारी मामले में लगातार बढ़ते दबाव के बीच, दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने गुरुवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। हाल ही में उनके आवास पर पुलिस ने छापेमारी की थी, जिसमें बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। रीतलाल यादव पर कई गंभीर आरोप हैं, (Ritlal Yadav court surrender)जिनमें एक नामी बिल्डर से रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप शामिल है। अब पुलिस उनकी रिमांड के लिए अदालत में आवेदन देने की तैयारी में है।
यादव के 11 ठिकानों पर हुई छापेमारी
विधायक रीतलाल यादव राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं। हाल ही में पटना पुलिस ने उनके 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी। बिल्डर कुमार गौरव ने रंगदारी के मामले में उनकी शिकायत की थी। रीतलाल यादव पर कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। रीतलाल यादव और उनके सहयोगियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने, जबरन वसूली और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने 11 अप्रैल को उनसे जुड़े 11 ठिकानों पर छापेमारी की और करीब 10.5 लाख रुपये, जमीन हड़पने के 14 दस्तावेज और एग्रीमेंट, 17 चेकबुक और पांच स्टांप, छह पेन ड्राइव और वॉकी-टॉकी बरामद किए।
पत्नी रिंकू देवी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए
STF और पुलिस बल ने विधायक के आवास पर जह छापेमारी की कार्रवाई की, तो रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू देवी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने डराने, टॉर्चर करने और एनकाउंटर की साजिश की। पुलिस आतंकवादियों की तरह घर में घुसी। पिछले 6 महीने से मानसिक टॉर्चर कर रही है। रिंकू देवी ने कहा कि कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार भी लगाई थी।
बिहार: दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर की कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। उनके सहयोगी चिक्कू यादव, पिंकू यादव, श्रवण यादव और अन्य ने भी सरेंडर कर दिया है।
रीतलाल यादव और उनके सहयोगियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने, जबरन वसूली और जान से मारने की धमकी देने के आरोप… pic.twitter.com/VnrPJQG5SH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 17, 2025
रीतलाल यादव का नाम पटना के बाहुबलियों में शामिल है। वर्तमान में दानापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। आरोपों के कारण वो अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। रीतलाल पर वर्ष 2003 में बीजेपी नेता सतनारायण यादव की हत्या का आरोप लगा। रीतलाल पर कई आपराधिक मुकदमे हैं, अवैध बालू खनन और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता बताई जाती है।
जेल में रहते हुए जब एमएलसी बने रीतलाल
साल 2016 में जेल में रहते हुए रीतलाल यादव विधान परिषद के सदस्य बने। इसके बाद वर्ष 2020 में जमानत पर बाहर आकर विधानसभा का चुनाव जीते। हाल ही में पटना हाई कोर्ट ने उन्हें बरी किया था। कुछ दिन पहले उनके ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी में 200 पुलिस बल और ड्रोन कैमरों का उपयोग किया। रीतलाल ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले बिना सर्च वारंट के छापेमारी की गई।
विधायक पर 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगने का आरोप है, जिसके चलते पुलिस ने उनके 11 ठिकानों पर छापेमारी की। रीतलाल यादव के छोटे भाई पिंकू यादव पर भी आपराधिक गतिविधियों के आरोप है। पुलिस ने पिंकू के घर से 11 लाख रुपये नकद और अन्य सामान बरामद किया। फिलहाल ईडी उनकी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।
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