Ram Navami 2025: 6 या 7 अप्रैल, कब है राम नवमी? यहां जानें सही तिथि
Ram Navami 2025: राम नवमी सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है, जिसे पूरी दुनिया के हिन्दू बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं। राम नवमी भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म (Ram Navami 2025) का प्रतीक है। यह त्योहार सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व रखता है।
कब है इस वर्ष राम नवमी?
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च, दिन रविवार को हो रही है। इसका समापन 6 अप्रैल को हो रहा है। इस वर्ष पंचमी तिथि का लोप होने के कारण चैत्र नवरात्रि नौ दिनों की नहीं बल्कि आठ दिनों की होगी। हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, राम नवमी (Ram Navami 2025) चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष के नौवें दिन (नवमी) को पड़ता है। इंग्लिश कैलेंडर में तिथि हर साल बदलती रहती है।
चैत्र नवरात्रि के आठ दिनों के होने के कारण इस वर्ष राम नवमी रविवार, 6 अप्रैल, को मनाई जाएगी। भगवान राम का जन्म मध्यान्ह मुहूर्त में हुआ था इसलिए इस दिन मध्याह्न मुहूर्त पूजा दिन में 11:06 मिनट से दोपहर 01:37 मिनट तक होगी। राम नवमी मध्याह्न क्षण दोपहर 12:22 मिनट पर होगा। नवमी तिथि का आरंभ 05 अप्रैल को रात 07:26 बजे से होगा।
क्या होता है राम नवमी के दिन?
राम नवमी उत्सव भगवान राम के जन्म की याद में मनाया जाता है, जिनका जन्म त्रेता युग में अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था। भगवान राम न केवल एक दिव्य व्यक्ति हैं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक भी हैं जो सत्य, वीरता, करुणा और विनम्रता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस दिन भगवान राम को समर्पित मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएँ और भजन आयोजित किए जाते हैं। कई क्षेत्रों में भगवान राम के जीवन और गुणों को दर्शाते हुए रामलीला का प्रदर्शन किया जाता है। लोग अपनी भक्ति व्यक्त करने के लिए केवल फल और दूध का सेवन करते हुए उपवास रखते हैं। इस अवसर को मनाने के लिए घरों को फूलों और रंगोली डिज़ाइनों से सजाया जाता है।
नवरात्रि के बाद राम नवमी क्यों मनाई जाती है?
राम नवमी का संबंध चैत्र नवरात्रि से है, जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित नौ दिवसीय त्योहार है। नवरात्रि का नौवां दिन भगवान राम के जन्म के उत्सव के साथ समाप्त होता है। इसका संबंध इस प्रकार है:
दिव्य स्त्री और पुरुष ऊर्जा का प्रतीक: नवरात्रि के पहले आठ दिन देवी की शक्ति का सम्मान करते हैं, जबकि राम नवमी भगवान राम का उत्सव मनाती है, जो दिव्य स्त्री और पुरुष ऊर्जा के मिलन का प्रतीक है।
सांस्कृतिक सद्भाव: नवरात्रि के अंत में राम नवमी मनाना देवी दुर्गा और भगवान राम दोनों के प्रति भक्ति के संतुलन को दर्शाता है।
पौराणिक महत्व: रामायण के अनुसार, भगवान राम स्वयं देवी दुर्गा के भक्त थे, जो दिव्य शक्तियों की एकता को दर्शाता है।
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