पाकिस्तान में उथल-पुथल, 5000 सैनिकों ने इस्तीफा दिया, इस्लामाबाद में मचा हड़कंप, क्या होगा पाकिस्तान का भविष्य?
Pahalgam Terror Attack:भारत और पाक के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तानी सेना में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। केवल दो दिनों के भीतर लगभग 5,000 सैनिकों और अधिकारियों ने इस्तीफा दिया है, जिससे पाक सेना में हड़कंप मच गया है। इस अचानक हुए इस्तीफों की बाढ़ का मुख्य कारण पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा जवाबी हमले की आशंका है।(Pahalgam Terror Attack) पाक सैनिकों के परिवारों पर भी दबाव है कि वे अपने प्रियजनों को सेना छोड़ने के लिए कहें, क्योंकि उन्हें डर है कि भारत किसी भी समय एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू कर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई सैनिकों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए सक्रिय ड्यूटी से दूर जाने का विकल्प चुना है। कुछ सैनिक पहले ही अपने घर लौट चुके हैं, जबकि अन्य आने वाले दिनों में इस्तीफा देने की योजना बना रहे हैं।
पाक की सेना में भारी इस्तीफे
पाक सेना के शीर्ष अधिकारी इस संकट को लेकर चिंतित हैं। 11वीं कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल उमर बुखारी ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस्तीफों का यह सिलसिला जारी रहा, तो पाकिस्तान की सेना भारत के साथ संघर्ष की स्थिति में कोई सार्थक प्रतिरोध नहीं कर पाएगी।
जनरल बुखारी ने कहा कि सैनिकों का मनोबल गिर रहा है, और इसका असर सेना की तैयारियों पर पड़ेगा। आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी सीमा की 12वीं कोर के लगभग 200 अधिकारी और 600 सैनिक इस्तीफा दे चुके हैं। इसके अलावा, फोर्स नॉर्दर्न कमांड एरिया में 100 से अधिक अधिकारी और 500 से ज्यादा सैनिक पद छोड़ चुके हैं। एलओसी पर तैनात मंगल कोर में भी करीब 75 अधिकारी और 500 सैनिकों ने इस्तीफा दिया है।
पाक सैनिकों के बीच दहशत
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी सैनिकों के बीच दहशत और बढ़ गई है। इस हमले में पर्यटकों समेत 26 लोग मारे गए थे, और यह माना जा रहा है कि आतंकवादियों को पाकिस्तान स्थित संगठनों का समर्थन प्राप्त था। भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाक के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और कठोर प्रतिशोध की चेतावनी दी। इसके कारण पाक सैनिकों के परिवारों ने उन्हें घर लौटने का आग्रह किया है।
सैनिकों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश
पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारी इस्तीफों को रोकने और सैनिकों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इस प्रवृत्ति में कोई कमी आने के संकेत नहीं मिले हैं। बढ़ते बाहरी और आंतरिक दबावों के कारण पाकिस्तानी सेना सामंजस्य बनाए रखने में संघर्ष कर रही है, और उसके भीतर भय और अनिश्चितता का माहौल गहरा रहा है।
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