NIA ने खोला आतंकियों का राज! आतंकियों ने पहलगाम हमले की रिकॉर्डिंग की, क्या था उनका खौफनाक इरादा?
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बैसरन घाटी में हुए इस हमले की जांच का जिम्मा अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा गया है। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। आतंकियों ने घने जंगलों के रास्ते घंटों पैदल चलकर वारदात को अंजाम दिया। हमले में अब तक 26 निर्दोष लोग जान गंवा चुके हैं और कई गंभीर रूप से घायल हैं। (Pahalgam Terror Attack) जांच में सामने आया है कि आतंकी जंगलों के रास्ते लगभग 20 से 22 घंटे का कठिन सफर तय कर बैसरन घाटी पहुंचे थे। वह घनी झाड़ियों और पहाड़ी रास्तों से चुपचाप आगे बढ़ते रहे ताकि किसी को भनक तक न लगे। स्थानीय आतंकी आदिल थोकर ने उन्हें सही रास्ता दिखाने और गाइड करने का काम किया।
बॉडी कैमरों का इस्तेमाल...
पहलगाम हमले में शामिल तीन संदिग्ध आतंकियों की पहचान की है। सुरक्षा एजेंसियों ने हमले में शामिल संलिप्तता के संदेह में तीन आतंकवादियों के चित्र भी जारी कर दिए हैं। एनआईए ने बताया कि तीनों पाकिस्तानी हैं और इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों के बारे में सूचना देने वाले को 20-20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से पता चला है कि आतंकवादियों ने अपने बर्बर कृत्य को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरों का इस्तेमाल किया था। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना के एक अफसर भी घटना के समय घाटी में मौजूद थे। वह छुट्टी पर थे और पहलगाम घूमने आए थे। हमले के बाद उन्होंने तुरंत कुछ महत्वपूर्ण सुराग सुरक्षाबलों और NIA को सौंपे हैं जो जांच में बेहद अहम साबित हो रहे हैं।
धर्म पूछकर की गई फायरिंग
हमले के दौरान आतंकियों ने बेहद निर्दयता दिखाई। चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले भीड़ को इकट्ठा किया और लोगों से कलमा पढ़ने को कहा। जो लोग जवाब नहीं दे पाए उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं। पहले चार लोगों को निशाना बनाया गया और फिर भगदड़ मचते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई।
AK-47 और अमेरिकी M4 से किया...
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि हमले में आतंकियों ने आधुनिक और घातक हथियारों का इस्तेमाल किया। घटनास्थल से AK-47 राइफल और अमेरिकी M4 असॉल्ट राइफलों के कारतूस बरामद किए गए हैं। ये हथियार उनकी तैयारी और मंशा दोनों को दर्शाते हैं कि वह कितनी बड़ी तबाही फैलाने आए थे। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों ने हमले से पहले पर्यटकों के दो मोबाइल फोन छीने थे। इसका मकसद यह था कि किसी भी तरीके से सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट न हो और लोकेशन ट्रैकिंग से बचा जा सके। फोन छीनने के बाद उन्होंने हमला तेज कर दिया।
इस दर्दनाक हमले का एक वीडियो भी सामने आया था जो अब जांच में मदद कर रहा है। बताया जा रहा है कि एक स्थानीय फोटोग्राफर ने हमले के समय डरते-डरते ऊंचाई से इस वीडियो को रिकॉर्ड किया। वीडियो में आतंकियों की हरकतें साफ दिखाई दे रही हैं। इससे NIA को हमले की पूरी सच्चाई समझने में काफी मदद मिल रही है।
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