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पहलगाम हमला... AK-47 से हिंदुओं पर बरसी गोलियां, आखिर क्यों आतंकियों का फेवरिट है ये हथियार?

पहलगाम में AK-47 से हिंदुओं की हत्या ने फिर सवाल उठाए, क्यों आतंकवादियों की पहली पसंद बनती है यह राइफल
03:36 PM Apr 27, 2025 IST | Rajesh Singhal

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 बेगुनाह पर्यटकों की एके-47 राइफल से बेरहमी से हत्या कर दी। इस कायराना हमले की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है और भारत सरकार किसी भी हालत में उन आतंकियों को बख्शने के मूड में नहीं है।

यही वजह है कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। (Pahalgam Terror Attack) हालांकि आज हम आतंकवाद की नहीं बल्कि एक ऐसी बंदूक की बात करेंगे, जिसका नाम सुनते ही सबसे पहले मन में डर पैदा होता है। इस बंदूक का नाम है एके-47 राइफल। सेना से लेकर आतंकवादियों तक आखिर यह सबकी पसंदीदा बंदूक क्यों है। इसमें ऐसा क्या है जो कि इस राइफल को सभी इस्तेमाल करना चाहता हैं।

वैसे तो भारत में किसी भी आम आदमी को इसे रखना गैर-कानूनी माना जाता है, लेकिन फिर भी आतंकवादी बेहिचक इसका इस्तेमाल करते हैं। चलिए इस बंदूक की खूबी जान लेते हैं...

एके 47 राइफल की खासियत 

भारत में एके-47 राइफल को सिर्फ सेना या पुलिस बल ही इस्तेमाल कर सकता है। यहां आम लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। भारत में अगर कोई आम नागरिक इसका इस्तेमाल करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सीधे देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाता है।

आतंकवादी भी अपनी जघन्य वारदातों को अंजाम देने के लिए AK-47 राइफल का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं कि आतंकवादी और सेना इसका इस्तेमाल क्यों करते हैं।

 

AK-47 राइफल का पूरा नाम Automatic Kalashnikov-47 है. इस राइफल को Mikhail Kalashnikov ने 1947 में बनाया था। हालांकि उन्होंने इसके आविष्कार से कभी भी पैसा नहीं कमाया।

एके-47 राइफल पूरी तरह से ऑटोमेटिक सेटिंग के अंदर 600 राउंड फायर कर सकती है। इस राइफल में सेमी-ऑटो मोड में 40 राउंड प्रति मिनट और बर्स्ट मोड में 100 राउंड प्रति मिनट गोलियां निकलती हैं।

इसमें से निकलने वाली गोली की रेंज 350 मीटर होती है, जो कि 715 मीटर प्रति मिनट के हिसाब से टारगेट करती है. एके-47 की मैग्जीन तीन तरह की आती हैं। इसमें 20 राउंड, 30 राउंड और 75 राउंड की ड्रम मैगजीन होती है।

इस राइफल में एक बार में 30 गोलियां भरी जा सकती हैं और इसमें से एक सेकेंड में 6 गोलियां निकलती हैं।यह इतनी पावरफुल गन होती है कि कुछ दीवारों, कार के दरवाजे को भी भेद करके उसके पीछे छिपे इंसान को मार सकती है।

एके-47 गन को चलाने के लिए किसी भी खास तरह की ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होती है. इस गन की साफ-सफाई करना और इसको मेंटेंन करना भी आसान होता है।

AK-47 एक ऐसी राइफल होती है, जो कि पानी, रेत या मिट्टी किसी भी वातावरण में चल सकती है. यह बंदूक सिर्फ 8 पुर्जों से मिलकर बनती है और इनको एक मिनट में जोड़ा जा सकता है. इस राइफल को बच्चे भी आसानी से चला सकते हैं।

AK-47 इतनी बेहतरीन राइफल है कि 300 मीटर दूरी तक अचूक निशाना लगा सकती है और अगर शूटर शानदार हो तो 800 मीटर तक भी निशाना लगा सकती है। आधुनिक राइफल में तो एक ग्रेनेड लॉन्चर भी जोड़ा जा सकता है।

आज के समय में दुनिया में करीब 10 करोड़ से ज्यादा AK-47 हैं, यानि कि दुनिया में हर 70 लोगों के पास यह राइफल है. अब आप समझ गए होंगे कि यह राइफल इतनी खास क्यों होती है।

आज दुनिया में 10 करोड़ से ज्यादा एके-47 हैं, यानी दुनिया में हर 70 लोगों के पास यह राइफल है। अब आप समझ गए होंगे कि यह राइफल इतनी खास क्यों है।

 

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