भारत-पाक तनाव पर ट्रंप का बड़ा खुलासा, पहलगाम हमला बताया खतरनाक…जाने क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति!
Pahalgam Attack: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर बयान दिया है। कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए उन्होंने इसे 'बुरा हमला' कहा। उन्होंने माना कि कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है। (Pahalgam Attack)एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने-अपने स्तर पर स्थिति को सुलझा लेंगे। पहलगाम आतंकी हमले में 2 स्थानीय लोगों समेत 28 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
भारत-पाक में तनाव पर बोले ट्रंप
एयरफोर्स वन पर अमेरिकी राष्ट्रपति से जब कश्मीर क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे संघर्ष के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'उस सीमा पर 1500 वर्षों से तनाव है। आप जानते हैं, यह ऐसा ही रहा है, लेकिन मुझे यकीन है कि वे इसे किसी तरह से सुलझा लेंगे। मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत तनाव है, लेकिन यह हमेशा से रहा है।'
#WATCH | On #PahalgamTerroristAttack, US President Donald Trump says, "I am very close to India and I'm very close to Pakistan, and they've had that fight for a thousand years in Kashmir. Kashmir has been going on for a thousand years, probably longer than that. That was a bad… pic.twitter.com/R4Bc25Ar6h
— ANI (@ANI) April 25, 2025
ट्रंप ने की थी पीएम मोदी से बात
हालांकि, जब ट्रंप ने पूछा गया कि क्या वे दोनों नेताओं से संपर्क करेंगे, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करके आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने इस जघन्य हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने में भारत को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया था। प्रधानमंत्री मोदी से बात करने से पहले ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में हमले को लेकर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने लिखा, कश्मीर से बेहद परेशान करने वाली खबर आई है। आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।
डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी का महत्व
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाक संबंध बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं। उनकी टिप्पणी जहां भारत को वैश्विक मंच पर राजनयिक समर्थन देती है, वहीं यह भी दर्शाती है कि अमेरिका अब भी दक्षिण एशिया में शांति की कोशिशों का एक अभिन्न हिस्सा बना हुआ है।
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