कुरान और इस्लामी हुलिया न रखने की धमकी! पहलगाम हमले के बाद आतंकवादियों की टूलकिट सामने आई
Pahalgam Attack :जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच की कमान संभाल रखी है। शुरुआती जांच में ही एजेंसी को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि हमला कोई सामान्य वारदात नहीं थी, बल्कि पहले से सुनियोजित और संगठित साजिश का हिस्सा था। (Pahalgam Attack )जांच में यह भी सामने आया है कि यह हमला एक खास “टूलकिट” के तहत अंजाम दिया गया, जिसे एक आतंकी संगठन की ओर से बाकायदा तैयार किया गया था।
पॉलिसी आतंकी संगठनों...
सूत्रों के अनुसार यह टूलकिट लश्कर-ए-तैयबा की एक विंग “तहरीक-ए-पशबान” द्वारा बनाई गई थी। इस टूलकिट में हमले की पूरी रणनीति, टाइमिंग, स्थान, हथियारों की आपूर्ति से लेकर हमलावरों के बीच तालमेल तक हर पहलू का विस्तार से उल्लेख किया गया था। खास बात यह है कि इस योजना में “डेड ड्रॉप पॉलिसी” का इस्तेमाल किया गया था। यह पॉलिसी आतंकी संगठनों द्वारा अपनाई जाने वाली एक गुप्त रणनीति है, जिसके तहत आतंकियों को एक-दूसरे से मिलवाया नहीं जाता और वे आपस में अनजान रहते हैं। मिशन के दौरान ही उन्हें एक-दूसरे की भूमिका और हथियारों के ठिकानों की जानकारी मिलती है।
पहली बार गैर-धार्मिक पर्यटकों को निशाना
ये लोग आकाओं के निर्दोष पर हथियारों की डिलिवरी करते हैं। जैसे ये लोग किसी ऐसे इलाकों में हथियारों की डिलिवरी करते हैं, जहां लोगों का मूवमेंट कम हो। इसके लिए पार्क और कब्रिस्तान जैसे इलाकों को चुना जाता है। कुछ ऐसे सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से इस टूलकिट को आतंकियों के बीच शेयर किया गया है, जिन पर एजेंसियों की नजर न हो।
माना जा रहा है कि इस टूलकिट के तहत ही पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। बता दें कि इस हमले को अचानक ही अंजाम दिया गया और पहले से ही कुछ आतंकी छिपे बैठे थे। फिर वहीं पर और आतंकी भी आ गए। यह हमला अपने आप में एक अलग ही पैटर्न था, जिसमें धर्म के नाम पर टारगेट किलिंग हुई। इसके अलावा पहली बार गैर-धार्मिक पर्यटकों को निशाना बनाया गया।
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