चालान की अनदेखी अब पड़ेगी महंगी! 90 दिनों तक भुगतान नहीं किया तो लाइसेंस को कहें अलविदा!
New Traffic Rules: अब लापरवाही पड़ेगी भारी! अगर आपने ट्रैफिक नियमों को हल्के में लिया और ई-चालान समय पर जमा नहीं किया, तो गाड़ी चलाने का हक भी छिन सकता है! सरकार जल्द ही एक नया सख्त ट्रैफिक नियम लागू करने जा रही है, जिसमें तीन महीने तक चालान पेंडिंग रहने पर ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, अगर किसी चालक ने एक वित्तीय वर्ष में तीन बार रेड लाइट तोड़ी या खतरनाक ड्राइविंग की, तो कम से कम तीन महीने के लिए उसका लाइसेंस जब्त कर लिया जाएगा।
इस कड़े फैसले के पीछे सरकार की मंशा साफ है...ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराना और चालान वसूली दर को बढ़ाना। फिलहाल, देशभर में जारी ई-चालानों में से सिर्फ 40% की ही वसूली हो रही है, (New Traffic Rules) जिससे ट्रैफिक नियंत्रण में दिक्कतें आ रही हैं। अब सवाल ये है—क्या नए नियमों के बाद ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा या लोगों की परेशानी बढ़ेगी?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बनी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक निगरानी को लागू करने की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। अधिनियम की धारा 136A के तहत बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट और कानूनों के प्रभावी प्रवर्तन के लिए स्पीड कैमरे, सीसीटीवी, स्पीड-गन, बॉडीवॉर्न कैमरे और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की तैनाती की सिफारिश की गई है।
दिल्ली में सबसे कम जुर्माना वसूली
टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की रिपोर्ट के अनुसार, यातायात नियम उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामलों वाले राज्यों में दिल्ली में चालान वसूली की दर सबसे कम पाई गई है, जो सिर्फ 14% है। इसके बाद कर्नाटक (21%), तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश (27-27%) और ओडिशा (29%) का स्थान है। वहीं, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में 62% से 76% के बीच वसूली दर दर्ज की गई है।
लोग ट्रैफिक चालान का भुगतान क्यों नहीं कर रहे?
सूत्रों के मुताबिक, देरी से भुगतान और दोषपूर्ण चालान कुछ मुख्य कारण हैं, जिनके चलते लोग समय पर चालान नहीं भर रहे। सरकार इस समस्या के समाधान के लिए एक व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत, कैमरों के लिए न्यूनतम स्पेसिफिकेशन तय किए जाएंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लंबित चालानों के अलर्ट हर महीने वाहन मालिकों या ड्राइवरों को भेजे जाएं ताकि भुगतान समय पर हो सके।
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