नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

कर्नाटक में MGNREGA फर्जीवाड़ा! साड़ी पहनकर पुरुषों ने खिंचवाई फोटो, लाखों रुपए बटोरे

साड़ी पहनी कुछ महिलाएं मनरेगा मजदूरों की तरह काम कर रही थी। रंग बिरंगी साड़ियों में लिपटी इन महिलाओं ने घूंघट निकाल रखा था और शर्मिली चाल से चलने की कोशिश कर...
12:32 PM Apr 12, 2025 IST | Rajesh Singhal

MGNREGA Fraud Karnataka: साड़ी पहनी कुछ महिलाएं मनरेगा मजदूरों की तरह काम कर रही थी। रंग बिरंगी साड़ियों में लिपटी इन महिलाओं ने घूंघट निकाल रखा था और शर्मिली चाल से चलने की कोशिश कर रही थी। लेकिन उनके हाव-भाव देखकर शक गहराया तो अधिकारियों ने उनका घूंघट हटवाकर देखा तो हैरान रह गए। उस घूंघट के पीछे से पुरुषों का चेहरा निकला। इन्होंने महिलाओं को वेष धरकर सरकारी स्कीम से करीब 3 लाख रुपये का फायदा उठा लिया। (MGNREGA Fraud Karnataka) यह घटना कर्नाटक के यादगीर जिले की है, जहां इन पुरुषों ने महिलाओं के रूप में खुद के फोटो खिंचवाए और बाद में इन तस्वीरों को अटेंडेंस लगाने के लिए राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी सेवा (NMMS) पर अपलोड किया, ताकि यह गलत तरीके से दर्शाया जा सके कि महिला मजदूर यहां काम कर रही थीं।

स्थानीय पंचायत ने मामले से किनारा किया

यह घटना फरवरी 2025 की बताई जा रही है। इस ठगी की वजह से जहां सरकारी योजना को चूना लगाया गया, वहीं काम की तलाश में भटक रही वास्तविक महिला मजदूरों को रोजगार से वंचित होना पड़ा। जब यह मामला सामने आया तो स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

हालांकि, स्थानीय पंचायत ने खुद को निर्दोष बताया और सारा दोष आउटसोर्स कर्मचारियों पर डाल दिया। मल्हार गांव के पंचायत विकास अधिकारी चेन्नबसवा ने कहा, ‘इस मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है। एक आउटसोर्स कर्मचारी ने यह सब किया और मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। जब मामला सामने आया, तो मैंने उस कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया। अब गांव में मनरेगा योजना के तहत काम सुचारू रूप से चल रहा है। हमने 2,500 मजदूरों को काम मुहैया कराया है।

क्या है मनरेगा ?

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिए एक सामाजिक कल्याण योजना है। केंद्र ने इस योजना को शुरु किया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वित्तपोषण और परियोजना पर काम करने की जिम्मेदारियां साझा करती हैं। यह योजना हर पंजीकृत ग्रामीण परिवार को हर साल 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी देती है। मजदूरी के लिए धन पूरी तरह से केंद्र सरकार ही प्रदान करती है जबकि सामग्री लागत का 75 प्रतिशत केंद्र और 25 प्रतिशत राज्य सरकार को जाता है।

 

यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, शहीद हुआ सेना का JCO, किश्तवाड़ में 3 आतंकी ढेर

यह भी पढ़ें: संपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्देश, लेकिन 87% हाईकोर्ट जजों ने अब तक नहीं किया खुलासा

Tags :
fake labour photosgovernment scheme scam IndiaIndian job scheme fraudKarnataka MGNREGA scamKarnataka rural job fraudmen wearing sarees MGNREGAMGNREGA fake beneficiariesMGNREGA FraudMGNREGA Fraud KarnatakaMGNREGA news 2025NMMS portal exposeNMMS पोर्टल खुलासाकर्नाटक घोटालाकर्नाटक फर्जी मजदूरी केसफर्जी मजदूरी मामलामनरेगा घोटालामनरेगा न्यूज 2025मनरेगा में फर्जीवाड़ारोजगार योजना घोटालासरकारी योजना में धोखाधड़ीसाड़ी पहनकर मजदूरी

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article