Mauni Amavasya Amrit Snan: मौनी अमावस्या पर अखाड़ों का अमृत स्नान शुरू, संत लगा रहे हैं आस्था की डुबकी
Mauni Amavasya Amrit Snan: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या के अवसर पर अखाड़ों का अमृत स्नान प्रारंभ हो चुका है। अमृत स्नान में 13 अखाड़ों के साधु-संत पवित्र संगम में डुबकी लगा रहे हैं। हालांकि अमृत स्नान (Mauni Amavasya Amrit Snan) को लेकर समय सारिणी पहले ही जारी कर दी गयी थी, लेकिन आज सुबह संगम नोज में हुई भगदड़ के कारण नियत समय पर अखाड़ों का स्नान शुरू नहीं हो सका। स्नान 5 बजे सुबह शुरू होना था, जो दोपहर 2 बजे के बाद शुरू हुआ।
दुर्घटना के बाद अखाड़ों ने रद्द कर दिया था अमृत स्नान
आज सुबह 2 बजे हुई भगदड़ के बाद अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पूरी ने ऐलान किया था कि दुर्घटना और भारी भीड़ को देखते हुए अखाड़े आज अमृत स्नान नहीं करेंगे। बाद में प्रशासन के आग्रह पर अखाडा परिषद् ने अमृत स्नान के लिए हामी भरी। बताया जा रहा है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद संतों और अखाडा परिषद से इस संबंध पर बात की। वहीं घटना के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने नजदीकी घाट पर ही डुबकी लगाएं और संगम नोज की ओर जाने की कोशिश न करें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और उनका सहयोग करें। उन्होंने किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने को भी कहा है।
अखाड़ों के लिए विशेष स्नान क्रम
अखाड़ों के लिए विशेष स्नान क्रम के अनुसार, महानिर्वाणी और अटल अखाड़े मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान में पहली डुबकी लगाएंगे। प्रत्येक अखाड़े को स्नान के विशिष्ट घंटे आवंटित किए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अनुष्ठान एक निर्धारित समय सारिणी के अनुसार हो। 13 अखाड़े बारी-बारी से अपने शिविरों से निकलेंगे और त्रिवेणी पंटून पुल को पार करके संगम में प्रवेश करेंगे। आज सुबह हुई भगदड़ में हुई मौतों के बाद अखाड़ों के अमृत स्नान जुलुस में बहुत ज्यादा ऐश्वर्या और ठाट-बाट का प्रदर्शन नहीं होगा।
अखाड़ों के लिए निर्धारित है समय-सीमा
इन अखाड़ों को दिए गए निर्धारित समय पहले की तरह ही लागु होंगे। इसका मतलब जिस अखाड़े को पहले 30 मिनट का समय दिया गया था वो अभी भी लागु होगा। वहीं जिन अखाड़ों को एक घंटे का समय दिया गया तो वो उसी समय सीमा में स्नान करेंगे। सभी अखाड़ों को संख्या बल के हिसाब से समय स्नान के लिए समय दिया गया है।
अमृत स्नान में सबसे पहले शैव, उसके बाद वैष्णव और उसके बाद उदासीन अखाडा के साधु-संत संगम में डुबकी लगाएंगे। मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान में सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल एक साथ आएं और संगम में डुबकी लगाए। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाडा के साधु-संत डुबकी लगाएंगे। इनके बाद जूना अखाडा, आह्वहन अखाडा और अग्नि अखाडा स्नान करेंगे। इनके बाद तीनों वैष्णव अखाड़े और दो उदासीन अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे। सबसे अंत में निर्मल अखाडा के संत स्नान करेंगे।
- महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु-संत करेंगे स्नान।
- निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा के संत करेंगे स्नान।
- जूना अखाड़ा और आवाहन अखाड़ा के साधु-संत स्नान करेंगे।
- बैरागी अखाड़े के संत करेंगे स्नान।
- दिगंबर अखाड़े के साधु-संत करेंगे स्नान।
- निर्मोही अखाड़े के साधु-संत करेंगे स्नान।
- उदासीन परंपरा के तीनों अखाड़े के साधु-संत करेंगे स्नान।
- पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का समय तय।
- पंचायती निर्मल अखाड़ा के साधु-संत करेंगे स्नान।
मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के स्नान का अनुमान
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) महाकुंभ (Mahakumbh 2025) मेले के सबसे पवित्र दिनों में से एक है। सरकारी अनुमान के अनुसार, इस शुभ दिन पर त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अमृत स्नान करेंगे। हिंदू परंपरा के अनुसार, मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान (Amrit Snan in Mahakumbh) व्यक्ति को उसके पापों से मुक्त करके आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करता है। यह दुनिया भर से बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है और इसे सबसे प्रतिष्ठित कुंभ मेला समारोहों में से एक माना जाता है।
संतों पर हुई हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा
प्रशासन ने मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम में डुबकी लगा रहे अखाड़ों के साधु-संतों पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा करवायी। इससे पहले मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा के अवसर पर भी साधु-संतों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा हुई थी। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार बड़े मौकों पर साधु-संतों, श्रद्धालुओं और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा करवाती रहती है।
मौनी अमावस्या के लिए कहां-कहां बने हैं स्नान घाट?
महाकुंभ में आने वाले तीर्थयात्री पवित्र घाटों पर स्नान, प्रार्थना और ध्यान करते हैं। प्रसिद्ध संगम नोज पर बोझ कम करने के लिए, महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं को उनके ठहरने के स्थान के नज़दीक निर्दिष्ट घाटों पर भेजा जाएगा।
- कानपुर के तीर्थयात्री: स्नान के लिए संगम नोज की ओर निर्देशित।
- लखनऊ और अयोध्या के तीर्थयात्री: दशाश्मेध घाट पर स्नान, और अधिक भीड़ को रसूलाबाद, नागवासुकी और फाफामऊ घाटों की ओर निर्देशित किया गया।
- आजमगढ़, वाराणसी, जौनपुर और गोरखपुर के तीर्थयात्री: वाहन अंदावा में पार्क किए जाएँगे, और तीर्थयात्री ऐरावत घाट, त्रिवेणी घाट और अन्य नज़दीकी घाटों की ओर जाएँगे।
- मिर्ज़ापुर और मध्य प्रदेश तीर्थयात्री: प्रतिबंधित संगम क्षेत्र तक पहुंच के साथ, अरैल त्रिवेणी पुष्प के पास घाटों पर स्नान किया जाएगा।
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