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Mahashivratri 2025 Date: 26 या 27 फरवरी, कब है महाशिवरात्रि? जानिए सही तिथि

उत्तर भारत में महाशिवरात्रि फाल्गुन के महीने में मनाई जाती है, जबकि दक्षिण भारत में, यह माघ महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है।
04:03 PM Feb 22, 2025 IST | Preeti Mishra
Mahashivratri 2025 Date

Mahashivratri 2025 Date: भगवान शिव के भक्त महाशिवरात्री के भव्य उत्सव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन को समर्पित यह शुभ रात अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखती है। लेकिन, महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025 Date) कब मनाई जाएगी इसको लेकर भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वास्तव में इस वर्ष महाशिवरात्रि 25 या 26 फरवरी को मनाई जाएगी इसी भ्रम को आज इस आर्टिकल के माध्यम से दूर करने के प्रयास कर रहे हैं।

महाशिवरात्रि 2025 तिथि

उत्तर भारत में महाशिवरात्रि फाल्गुन के महीने में मनाई जाती है, जबकि दक्षिण भारत में, यह माघ महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है। क्षेत्रीय कैलेंडर में भिन्नता के बावजूद, महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025 Date) का सार एक ही है, भक्त इस पवित्र रात को भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह त्योहार आम तौर पर हर साल फरवरी या मार्च में मनाया जाता है, जो सर्दियों से वसंत तक संक्रमण का प्रतीक है और आध्यात्मिक नवीनीकरण का प्रतीक है।

महाशिवरात्रि फाल्गुन महीने की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस वर्ष फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे शुरू होगी और 27 फरवरी को सुबह 08:54 बजे समाप्त होगी। हिन्दू धर्म में उदया तिथि (Mahashivratri 2025) का बहुत महत्व होता है। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। व्रत और पूजा 26 फरवरी को उदया तिथि के अनुसार की जाएगी। वहीं महाशिवरात्रि के दिन निशिता काल पूजा (मध्यरात्रि पूजा) 27 फरवरी को रात 12:09 से 12:59 तक होगी।

महाशिवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक ब्रह्म मुहूर्त (Mahashivratri 2025 Shubh Muhurat) से शुरू होता है, जो सुबह का पहला शुभ समय होता है। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने का सबसे उपयुक्त समय सुबह 6:48 बजे से 9:41 बजे तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव का जलाभिषेक करना सबसे अच्छा माना जाता है।

महाशिवरात्रि के दिन जल अर्पित करते समय करें इन मन्त्रों का जाप

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का भी बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। जल चढ़ाते समय कुछ मंत्रों (Mahashivratri 2025 Mantras) का जाप करने से इसका लाभ और भी बढ़ जाता है।

'ओम नमः शिवाय' - इस सरल और प्रसिद्ध मंत्र का जाप करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्' - आप दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जलाभिषेक करते समय इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। 'तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्' - माना जाता है कि भगवान शिव के इस बीज मंत्र का जाप करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि के दिन होने वाले अनुष्ठान

महाशिवरात्रि के अनुष्ठानों (Mahashivratri 2025 Rituals) में शिव लिंग को फूलों और बेल के पत्तों से सजाना शामिल है। भक्त दिन भर उपवास रखते हैं और भगवान शिव को भांग, फल, शहद, घी, मिठाई और दूध चढ़ाते हैं। वे देवता से आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर जाने से पहले सुबह जल्दी स्नान करते हैं।

महाशिवरात्रि की शाम को, लोग मंदिर में इकट्ठा होते हैं और शिव लिंग की पूजा करते हैं। भक्त दीपक जलाते हैं और पूरी रात मंदिर में बिताते हैं। भारत भर के कई मंदिरों में, रात में पालकी पर भगवान शिव और पार्वती की शानदार शोभा यात्रा निकाली जाती हैं।

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