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Kumbh and Stampedes: प्रयागराज महाकुंभ भी हादसे से नहीं रहा अछूता, कुंभ में कब-कब हुए भगदड़? जानिए पूरा इतिहास

इस वर्ष व्यापक भीड़ नियंत्रण उपाय किए जाने के बावजूद यह दुर्घटना हुई। इस बार भीड़ को ठीक से मैनेज करने के लिए आयोजकों ने एआई का भी उपयोग किया है।
10:39 AM Jan 29, 2025 IST | Preeti Mishra
Kumbh and Stampedes

Kumbh and Stampedes: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन प्रयागराज के महाकुंभ में आज बुधवार 29 जनवरी को भगदड़ मचने से कई लोग हताहत हो गए। जानकारी के अनुसार महाकुंभ में हुई दुखद घटना में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं और पचास से ज्यादा घायल हो गए हैं। बता दें कि आज मौनी अमावस्या के अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए महाकुंभ में करोड़ों की संख्या (Kumbh and Stampedes) में लोग आये हैं। मरने वालों की आधिकारिक संख्या अभी सामने नहीं आयी है।

इस वर्ष व्यापक भीड़ नियंत्रण उपाय किए जाने के बावजूद यह दुर्घटना (Kumbh and Stampedes) हुई। इस बार भीड़ को ठीक से मैनेज करने के लिए आयोजकों ने एआई का भी उपयोग किया है। भगदड़ के बाद प्रशासन ने युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। महाकुंभ, जो एक विशाल धार्मिक आयोजन और सदियों पुरानी परंपरा है, में ऐसे भगदड़ों का दुखद का इतिहास रहा है। आइये डालते हैं कुंभ में हुए हादसों पर एक नजर:

कुंभ मेले में भगदड़ की घटनाएं

1954: आजादी के बाद आयोजित यह पहला कुंभ भारत के लिए एक ऐतिहासिक था। तमाम बातों के अलावा इस कुंभ को एक भयानक त्रासदी के रूप में भी याद किया जाता है। 3 फरवरी 1954 को, उस समय भगदड़ मच गई जब मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के कुंभ मेले में उमड़ पड़े। इस घटना में लगभग 800 लोग कुचल कर मर गए या नदी में डूब गये।

1986: हरिद्वार में कुंभ मेले में एक दुखद भगदड़ देखी गई जिसमें कम से कम 200 लोगों की जान चली गई। अराजकता तब सामने आई जब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह विभिन्न राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों और संसद सदस्यों के साथ हरिद्वार पहुंचे। जैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने आम लोगों को नदी के किनारे जाने से रोका, भीड़ बेचैन हो गई और बेकाबू हो गई, जिससे घातक भगदड़ मच गई।

2003: यह कुम्भ नासिक में आयोजित किया गया था। यह कुम्भ भी दुखद घटना का शिकार हो गया। इस कुंभ में उस समय भगदड़ मच गई जब हजारों तीर्थयात्री कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान के लिए गोदावरी नदी पर एकत्र हुए। भगदड़ में महिलाओं सहित कम से कम 39 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए।

2013: यह कुम्भ मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया गया था। इस कुंभ में ेमला क्षेत्र में तो कोई घटना नहीं हुई लेकिन 10 फरवरी 2013 को इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर एक फुटब्रिज गिरने से भगदड़ मच गई, जिससे 42 लोगों की मौत हो गई और 45 घायल हो गए।

2025: यह घटना बुधवार को 2 बजे के आसपास घटी, संगम और महाकुंभ के नदी तटों की 12 किलोमीटर लंबी श्रृंखला के साथ बनाए गए अन्य सभी घाटों पर भारी भीड़ उमड़ रही थी। यह घटना एक बैरियर गिरने के बाद अफरा-तफरी मचने से हुई है। इससे वहां भगदड़ की स्थिति बन गयी जिससे कई लोग फंस गए और कुचले गए। बचाव अभियान पूरा हो गया है और घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया है।

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