कोचिंग सिटी कोटा में फिर मातम! बिहार के छात्र ने किया सुसाइड, यह है इस साल का 14वां केस!
Kota Student Suicide: कोटा में फिर एक दर्दनाक घटना सामने आई है। साल 2025 में यह 14वां स्टूडेंट सुसाइड है, जिसने पूरे शहर को झकझोर दिया है। बिहार से कोटा पढ़ने आया एक कोचिंग छात्र फांसी के फंदे पर लटका मिला। कोचिंग प्रेशर, अकेलापन और मानसिक तनाव जैसे सवाल एक बार फिर उठ खड़े हुए हैं।(Kota Student Suicide) ।
बिहार से कोटा पढ़ने आया एक कोचिंग छात्र फांसी के फंदे पर लटका मिला। कोचिंग प्रेशर, अकेलापन और मानसिक तनाव जैसे सवाल एक बार फिर उठ खड़े हुए हैं। शहर में सोमवार रात बिहार निवासी कोचिंग छात्र तमीम इकबाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वो बिहार के कटिहार जिले का रहने वाला था। जवाहर नगर थाना पुलिस को जब इस बारे में सूचना मिली तो तुरंत एक टीम मौके पर पहुंच गई और शव को फंदे से उतारकर महाराव भीम सिंह अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। मृतक स्टूडेंट के परिजन जानकारी मिलते ही कोटा पहुंच गए हैं और पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर रहे हैं।
FSL की टीम जांच में जुटी
तमीम 11वीं में पढ़ रहा था और साथ ही नीट की तैयारी कर रहा था. शुरुआती जांच में पुलिस को आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं मिला है, क्योंकि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ।FSL टीम जांच में जुटी है और उसके दोस्तों व परिजनों से पूछताछ की जा रही है।
कोटा में रुक नहीं रही मौतें...
2025 में कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 14 पहुंच चुकी है। सिर्फ अप्रैल महीने में ही तीन छात्र जान दे चुके हैं। मानसिक तनाव, लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा और कोचिंग कल्चर का बोझ इन मौतों के पीछे प्रमुख वजह बनकर उभरा है। प्रशासन की कोशिशों के बावजूद हालात नहीं सुधर रहे।
परिवारों के लिए चेतावनी बनता कोटा मॉडल
तमीम की मौत सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि बिहार के उन तमाम परिवारों के लिए एक बड़ा सवाल है जो अपने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए कोटा जैसे शहरों में भेजते हैं। क्या शिक्षा का यह मॉडल हमारे युवाओं को बेहतर बना रहा है, या उन्हें मानसिक संकट की ओर धकेल रहा है।
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