ऑफिस या जेलखाना? प्राइवेट कंपनी ने टारगेट फेल होने पर कर्मचारियों को जंजीर से 'कुत्तों' की तरह बांधा, VIDEO देख कांप जाएगी रूह
Kerala Private Company Torture: जब नौकरी करने वाला इंसान केवल कंपनी के लिए टारगेट पूरा करने वाली मशीन बन जाए... और जब इंसानियत शर्मसार हो जाए सिर्फ इसलिए कि टारगेट चूक गया... तो समझिए कि प्राइवेट जॉब की काली हकीकत सामने है। केरल के कोच्चि शहर से आई ये खबर न सिर्फ रोंगटे खड़े कर देती है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करती है कि प्राइवेट सेक्टर में इंसान को जानवर से भी बदतर क्यों समझा जा रहा है।
पेरुम्बावूर की कंपनी में एक कर्मचारी को सजा देने के नाम पर इतना अपमानित किया कि इंसानियत चीख उठे। गले में कुत्ते का पट्टा, घुटनों के बल ऑफिस में घसीटना, कुत्ते के बर्तन से पानी पिलाना...यह सब उस कर्मचारी के साथ हुआ सिर्फ इतना किया कि टारगेट पूरा नहीं किया। (Kerala Private Company Torture) केरल के श्रम मंत्री वी शिवनकुट्टी ने इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि केरल में श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाता है। किसी भी तरह की श्रम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सेल्स कंपनी घर-घर बेचती है समान
एर्नाकुलम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें वह घर मिल गया है, जहां यह घटना हुई थी। यह घर पेरुम्बावूर के अराक्कापदी में है। अधिकारियों के अनुसार, यह एक सेल्स कंपनी है जो केरल में घर-घर जाकर सामान बेचती है। शुरुआती जांच में पता चला है कि पिछले तीन महीनों से कंपनी में कोई पुरुष कर्मचारी नहीं है। वहां सिर्फ महिला कर्मचारी ही काम कर रही हैं। अधिकारी उन सभी महिला कर्मचारियों से बात कह रहे हैं।
कंपनी के खिलाफ जांच शुरू
वीडियो में दिख रहे एक युवक से श्रम अधिकारियों ने पूछताछ की। उसने बताया कि वीडियो एक कर्मचारी ने बनाया था। वह कर्मचारी नशे का आदी था और उसे नौकरी से निकाल दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने भी कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इस कंपनी के खिलाफ पहले भी एक शिकायत दर्ज की गई थी। पुलिस ने पालारिवट्टोम में कंपनी के ऑफिस का निरीक्षण किया।
टारगेट पूरा न करने की सजा
बताया जा रहा है कि कर्मचारी का परफॉर्मेंस खराब था इसलिए उसे सजा दी गई थी। वीडियो में दिख रहा है कि कर्मचारी को जंजीरों से बंधकर कुत्तों की तरह घुटनों के बल चलने को मजबूर किया गया। फर्श पर कुछ सिक्के फेंके गए और उन्हें चाटने को गया गया। कुत्ते के खाने वाले बर्तन में पानी भरकर कुत्ते की तरह पीने को मजबूर किया गया।
कुछ कर्मचारियों ने एक टीवी चैनल को बताया कि यह कंपनी का रेग्युलर काम है। जो लोग लक्ष्य हासिल करने में विफल रहते हैं, उन्हें कंपनी के प्रबंधन इस तरह की सजा देता है। पुलिस के अनुसार, यह घटना कथित तौर पर कलूर में कार्यरत एक निजी विपणन कंपनी से जुड़ी है और यह अपराध कथित तौर पर निकटवर्ती पेरुम्बवूर में हुआ। राज्य मानवाधिकार आयोग ने हाई कोर्ट के वकील कुलथूर जयसिंह की दायर शिकायत के आधार पर इस घटना को लेकर मामला दर्ज किया।
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