हादसा, षड्यंत्र या इत्तेफाक? जस्टिस वर्मा के घर लगी रहस्यमयी आग पर खामोश क्यों है फायर ब्रिगेड?
Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में लगी आग अब एक नए रहस्यमयी मोड़ पर आ गई है। आग बुझाने के बाद जब जांच शुरू हुई, तो घर में छिपाकर रखा गया बड़ा कैश बरामद हुआ, जिसने इस मामले को और उलझा दिया। इस पूरे घटनाक्रम की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय विशेष जांच समिति गठित कर दी है, जो हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है।
अब सवाल उठ रहे हैं...क्या यह आग महज एक हादसा थी या किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा? (Justice Yashwant Varma) क्या किसी ने जानबूझकर घर में आग लगाई थी ताकि कैश और सबूतों को नष्ट किया जा सके? या फिर यह घटना किसी अंदरूनी साजिश का हिस्सा थी?
जांच एजेंसियां हर एंगल से पड़ताल में जुटी हैं। फायर ब्रिगेड टीम से लेकर जस्टिस वर्मा के नौकर और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है....आखिर ये कैश आया कहां से और इसके पीछे कौन है?
आग लगी या लगाई गई?
दिल्ली फायर ब्रिगेड की भूमिका इस पूरे मामले में संदेह के घेरे में है। आमतौर पर जब कहीं आग लगती है तो फायर डिपार्टमेंट बिल्डिंग में शॉर्ट सर्किट, ज्वलनशील पदार्थ या किसी अन्य कारण की पुष्टि करता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। फायर सर्विस ने अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। उनके बदलते और अधूरे बयानों ने इस मामले को और उलझा दिया है।
आखिरकार, अगर आग अपने आप लगी, तो इसकी वजह क्या थी? और अगर आग लगाई गई, तो किसने और क्यों? अगर आग नहीं लगी होती तो क्या कैश का खुलासा होता?
इस घटना का सबसे बड़ा सवाल यही है... अगर 14 मार्च को होली के दिन यह आग नहीं लगी होती, तो क्या इस कैश का खुलासा होता?
जस्टिस यशवंत वर्मा ने बयान दिया है कि घटना के वक्त वे दिल्ली से बाहर थे और घर पर उनके परिवार के सदस्य और सुरक्षाकर्मी ही मौजूद थे। जिस कमरे में आग लगी थी, वह स्टोर रूम या नौकरों के रहने का कमरा बताया जा रहा है। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इसी कमरे में कैश के बंडल मिले और वो भी इस हालत में कि उनमें से कुछ जल चुके थे।
शॉर्ट सर्किट की कोई संभावना नहीं, फिर आग कैसे लगी?
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि जिस कमरे में आग लगी, उसमें कोई ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या भारी बिजली उपकरण मौजूद नहीं थे, जो शॉर्ट सर्किट का कारण बन सके।क्या कमरे में एसी था? ...नहीं...क्या वहां कोई हाई-वोल्टेज मोटर थी?..नहीं...क्या वहां कोई ज्वलनशील पदार्थ रखा था? - नहीं...आमतौर पर दिल्ली में आग लगने की घटनाओं की जांच में फायर डिपार्टमेंट खुलकर रिपोर्ट जारी करता है, लेकिन इस मामले में फायर ब्रिगेड की खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है।आग से जुड़े रहस्य, जांच कमेटी के लिए नई चुनौती तीन सदस्यीय जांच कमेटी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि:
आग अचानक लगी या फिर इसे लगवाया गया?
अगर आग लगाई गई, तो इसके पीछे किसका हाथ है?
क्या यह कैश किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था?
कैश की इतनी बड़ी रकम आखिर आई कहां से?
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि जस्टिस वर्मा के घर पर रखे कैश का असली मालिक कौन है और वह किस उद्देश्य से रखा गया था।
दिल्ली फायर ब्रिगेड की चुप्पी क्यों?
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली फायर सर्विस ने जांच कमेटी को आग के कारणों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। आमतौर पर, जब भी कोई आग लगती है, तो फायर ब्रिगेड अपनी शुरुआती रिपोर्ट जारी करता है। लेकिन इस केस में अब तक कुछ भी नहीं बताया गया।
क्या फायर ब्रिगेड किसी दबाव में है?... क्या यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है?.... कैश के साथ आग लगना सिर्फ इत्तेफाक है या किसी सबूत को मिटाने की कोशिश?
इस मामले में जितनी परतें खुल रही हैं, उतना ही यह केस दिलचस्प और रहस्यमयी होता जा रहा है। अब सबकी नजर जांच कमेटी की रिपोर्ट पर टिकी है, जो इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कर रही है।
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