भारत-पाक में जंग की आहट? पुतिन की चेतावनी ने बढ़ाई टेंशन, क्या रूस को पहले से है कोई खुफिया भनक?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान तनाव को विस्फोटक स्तर पर पहुँचा दिया। 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित, अटारी बॉर्डर बंद और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य प्रहार किए। लेकिन 25 अप्रैल को रूस ने जो कदम उठाया, उसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया। दरअसल रूसी सरकार ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान यात्रा से मना कर दिया, जिसे कई विश्लेषकों ने युद्ध की आहट बताया। क्या वाकई दोनों परमाणु शक्तियों के बीच कोई बड़ी टकराहट होने वाली है?
रूस का अचानक यात्रा प्रतिबंध क्यों?
बता दें कि रूसी विदेश मंत्रालय ने एक असामान्य चेतावनी जारी करते हुए कहा कि "भारत-पाकिस्तान सीमा पर युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।" इस्लामाबाद स्थित रूसी दूतावास ने स्पष्ट किया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक कोई भी रूसी नागरिक पाकिस्तान न जाए।
यह चेतावनी इसलिए चौंकाने वाली है क्योंकि रूस ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ रक्षा समझौते किए हैं, लेकिन अब वह भारत के पक्ष में खड़ा नजर आ रहा है। क्या मॉस्को को भारतीय सेना की कोई बड़ी कार्रवाई की सूचना मिली है?
अमेरिका-ब्रिटेन से अलग क्यों है रूस का रुख?
अमेरिका और ब्रिटेन ने भी यात्रा चेतावनियाँ जारी की थीं, लेकिन उनका दायरा सीमित था। अमेरिका ने केवल जम्मू-कश्मीर और सीमा के 10 किमी क्षेत्र तक यात्रा पर रोक लगाई, जबकि ब्रिटेन ने श्रीनगर और गुलमर्ग से पर्यटकों को दूर रहने को कहा। लेकिन रूस ने पूरे पाकिस्तान के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाकर एक बड़ा संदेश दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस भारत के साथ अपने रक्षा सौदों (जैसे SU-57 फाइटर जेट) को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठा रहा है।
क्या वाकई युद्ध हो सकता है?
1971 के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध तो नहीं हुआ, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया बेहद आक्रामक रही है। सिंधु जल संधि का निलंबन, सीमा व्यापार बंद और पीओके में सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान को घेर लिया है। हालाँकि, परमाणु हथियारों की मौजूदगी के कारण बड़े युद्ध की संभावना कम है, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक या हवाई हमले जैसी सीमित कार्रवाई हो सकती है। रूसी मीडिया आरटी ने दावा किया है कि "भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत अरब सागर की ओर बढ़ रहे हैं," जिससे आशंकाएँ और बढ़ गई हैं।
पुतिन की चाल: कूटनीति या युद्ध की तैयारी?
यह भी बता दें कि रूस ने हमेशा भारत का समर्थन किया है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उसने पाकिस्तान से भी संबंध बढ़ाए हैं। 2022 में गैस पाइपलाइन समझौता और 2025 में सैन्य सहयोग जैसे कदमों ने मॉस्को की दोहरी नीति को उजागर किया है। क्या रूस की यह चेतावनी भारत को कवर देने के लिए है? या फिर पुतिन पाकिस्तान को यह संकेत देना चाहते हैं कि वह भारत के साथ सैन्य टकराव की स्थिति में अलग थलग पड़ जाएगा? वहीं कुछ का मानना है कि रूस खुद को मध्यस्थ बनाकर इस संकट से भू-राजनीतिक लाभ उठाना चाहता है।
अंतिम सवाल: क्या पाकिस्तान घुटने टेकेगा?
भारत के कड़े कदमों और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान की स्थिति कमजोर होती जा रही है। उसकी अर्थव्यवस्था पहले ही बुरी हालत में है, और अब रूस जैसे देशों का यात्रा प्रतिबंध उसके लिए नई मुसीबत लेकर आया है। फिलहाल युद्ध की संभावना कम है, लेकिन अगर पाकिस्तान आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई नहीं करता, तो भारत के पास और सख्त जवाबी कार्रवाई के विकल्प खुले हैं। अगले कुछ दिनों में दोनों देशों की सैन्य और कूटनीतिक हलचलें ही तय करेंगी कि यह संकट शांतिपूर्ण तरीके से सुलझेगा या फिर एक नया युद्ध छिड़ जाएगा।
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