Sunday, March 30, 2025
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लद्दाख में इंडियन आर्मी की जबरदस्त तैयारी! 'डिवीजन 72' बनेगा चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती!

भारतीय सेना ने चीन की लगातार बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए पूर्वी लद्दाख में ‘72 डिवीजन’ नामक नई...
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Indian Army: भारतीय सेना ने चीन की लगातार बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए पूर्वी लद्दाख में ‘72 डिवीजन’ नामक नई सैन्य इकाई तैनात करने का फैसला किया है। यह डिवीजन LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर चीन की घुसपैठ रोकने और भारतीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए गठित की गई है। (Indian Army) सूत्रों के अनुसार, इस डिवीजन की एक ब्रिगेड पहले से ही पूर्वी लद्दाख में तैनात हो चुकी है और मुख्यालय को तैयार किया जा रहा है।

‘फायर एंड फ्यूरी’ कोर के तहत नई डिवीजन

‘72 डिवीजन’ को लेह स्थित ‘फायर एंड फ्यूरी’ कोर के अधीन रखा गया है, जो पहले से ही कारगिल और सियाचिन ग्लेशियर की सुरक्षा संभालती है। इससे पहले, लद्दाख के 832 किमी लंबे LAC की सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल 3 डिवीजन के पास थी, लेकिन अब ‘72 डिवीजन’ की तैनाती के बाद भारतीय सेना की जवाबी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।

New Army division with a focus on eastern Ladakh

‘यूनिफॉर्म फोर्स’ की वापसी

अब तक पूर्वी लद्दाख की सुरक्षा ‘यूनिफॉर्म फोर्स’ नामक अस्थायी सैन्य इकाई के जिम्मे थी, जिसे अब वापस जम्मू के रियासी क्षेत्र में भेजा जाएगा। यहां यह फिर से आतंकवाद विरोधी अभियानों (CICT) में अपनी भूमिका निभाएगी।

भारतीय सेना के इस कदम से यह साफ हो गया है कि अब चीन को उसकी हर चाल का जवाब उसी की भाषा में मिलेगा। 2020 में गलवान घाटी झड़प के बाद भारत ने लद्दाख में 68,000 सैनिक, 90 टैंक और 330 इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहन तैनात किए थे। अब ‘72 डिवीजन’ की तैनाती के बाद भारत की सैन्य ताकत और बढ़ेगी।

LAC पर क्यों जरूरी था ‘72 डिवीजन’?

भारत और चीन के बीच LAC को लेकर लंबे समय से विवाद है। 2020 के बाद पांच नए टकराव बिंदु सामने आए..गलवान घाटी का किलोमीटर 120 क्षेत्र...शोक्शा ला में PP15 और PP17A...पैंगोंग झील के उत्तर में रीचिन ला और रेजांग ला...इसके अलावा, 2020 से पहले भी कई विवादित क्षेत्र थे..डेमचोक, डेपसांग बुल्ज, कोंगका ला, माउंट सज्जुम, चारडिंग नाले का क्रॉसिंग पॉइंट, पैंगोंग त्सो।

 भारत की रणनीति ...सैन्य बल और वार्ता साथ-साथ

LAC पर भारत और चीन के बीच विवाद हल करने के लिए तीन स्तरों पर वार्ता प्रक्रिया जारी है। कोर कमांडर स्तर की वार्ता – इसमें दोनों देशों की सेना के उच्च अधिकारी शामिल होते हैं।डिवीजन कमांडर स्तर की वार्ता...इसमें जमीनी स्तर के हालात को संभालने पर चर्चा होती है। ब्रिगेड और सेक्टर कमांडर स्तर की वार्ता – यह स्थानीय स्तर पर तनाव कम करने के लिए होती है।

क्या चीन को रोक पाएगी ‘72 डिवीजन’?

पूर्वी लद्दाख में ‘72 डिवीजन’ की तैनाती से भारत की सैन्य स्थिति काफी मजबूत होगी। हालांकि, कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है, लेकिन भारतीय सेना अब चीन को हर मोर्चे पर करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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