‘बंदूक नहीं, बराबरी चाहिए’, अमेरिका को नसीहत… टैरिफ मुद्दे पर आखिर क्या बोले पीयूष गोयल?
विकसित भारत 2047 का सपना
दोनों देशों ने इस वर्ष शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है। इस समझौते का मकसद 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब डॉलर से दोगुना कर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। भारत-यूरोपीय संघ (European Union) व्यापार समझौते पर गोयल ने कहा कि व्यापार वार्ता तब आगे बढ़ती है जब दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होते हैं।
उन्होंने कहा, "मैं केवल इतना बता सकता हूं कि सभी व्यापार वार्ताएं 'भारत पहले' के दृष्टिकोण और 'विकसित भारत 2047' के लिए मार्ग प्रशस्त करने हुए अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं। मंत्री ने कहा कि यूरोपीय संघ में व्यवसायों को गैर-शुल्क बाधाओं के कारण कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस बीच, इटली-भारत व्यापार मंच में गोयल ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्रता से पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है, जिससे दोनों पक्षों को आर्थिक संबंधों को गहरा करने में मदद मिल सके।
भारत-इटली के बीच निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप गलियारा (आइएमईसी) भारत तथा इटली को एक-दूसरे के और करीब आने का अवसर प्रदान करता है। मंत्री ने कहा कि भारत और इटली के बीच निर्बाध व्यापार व निवेश को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, "दोनों पक्षों में निवेश को प्रोत्साहित करने, उद्योग जगत को बिना किसी बाधा के एक-दूसरे के साथ व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत हैज् मुझे लगता है कि इसमें 15 अरब डालर के स्तर से बढ़ने की जबरदस्त क्षमता है।
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