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असम में बाल विवाह के खिलाफ हिमंत सरकार सख्त, इस साल हजारों लोगों की हुई गिरफ्तारी

असम सरकार इस समय बाल विवाह कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। इस साल सरकार ने बाल विवाह में शामिल हजारों लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है।
11:54 AM Dec 22, 2024 IST | Girijansh Gopalan
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असम सरकार बाल विवाह कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।

असम में एक बार फिर से बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। जी हां, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार यानी 22 दिसंबर 2024 को बताया कि राज्य में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई के तीसरे चरण में 416 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सरकार इस समय लगातार राज्य में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बीते जनवरी से लेकर अभी तक सरकार ने हजारों लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है।

असम में बाल विवाह

बता दें कि असल में आजादी के 75 सालों के बाद भी बाल विवाह का कल्चर जारी है। केंद्र और राज्य सरकार कई बार इसको रोकने की कोशिश किये हैं, लेकिन अब तक ये खत्म नहीं हो पाया है। अब असल सरकार बाल विवाह में शामिल लोगों के साथ सख्ती से पेश आ रही है। इतना ही नहीं सरकार लगातार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बता दें कि हाल ही में हुई यह कार्रवाई 21-22 दिसंबर की रात को शुरू की गई थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इसे लेकर पुलिस ने 335 मामले दर्ज किए हैं, वहीं गिरफ्तार लोगों को रविवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार सख्त

असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हम इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए साहसिक कदम उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2023 में फरवरी और अक्टूबर में दो चरणों में बाल विवाह के खिलाफ अभियान शुरू किया था। फरवरी में पहले चरण में 4,515 मामले दर्ज किए गए थे और 3,483 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जबकि वहीं अक्टूबर में दूसरे चरण में 710 मामले दर्ज किए गए थे और 915 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

असम में होते हैं बाल विवाह

बता दें कि 17 जुलाई को विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस पर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि बाल विवाह के मामलों में कानूनी हस्तक्षेप पर असम सरकार का जोर अब देश के बाकी हिस्सों के लिए रोल मॉडल बन गया है। दरअसल रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि असम सरकार की इस कानूनी रणनीति से वर्ष 2021-22 और 2023-24 के बीच राज्य के 20 जिलों में बाल विवाह में 81 फीसदी की कमी आयी है। वरना इससे पहले लोग भी बिना डरके अपनी बच्चों की शादी करते थे। इसके अलावा इस साल की शुरुआत में हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त कर दिया था। सीएम हिमंत ने कहा है कि जब तक मैं जीवित हूं, असम में बाल विवाह नहीं होने दूंगा।

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