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Himachal Landslide: कुदरत का प्रकोप! मणिकर्ण में भूस्खलन से 6 की जान गई, बचाव दल मलबे में तलाश रहे जिंदा लोग!'

हिमाचल प्रदेश की शांत वादियों में रविवार की शाम अचानक कोहराम मच गया। कुल्लू जिले के मणिकर्ण में गुरुद्वारा साहिब के पास एक भयावह लैंडस्लाइड...
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Himachal Landslide: हिमाचल प्रदेश की शांत वादियों में रविवार की शाम अचानक कोहराम मच गया। कुल्लू जिले के मणिकर्ण में गुरुद्वारा साहिब के पास एक भयावह लैंडस्लाइड ने सबको दहशत में डाल दिया। शाम करीब 5 बजे, जब श्रद्धालु और स्थानीय लोग गुरुद्वारे के पास पेड़ों की छांव में बैठे थे, तभी पहाड़ दरक गया और देखते ही देखते मलबे और चट्टानों ने सबकुछ निगल लिया। इस हादसे में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण एक विशालकाय पेड़ गिर गया,(Himachal Landslide)जिसके नीचे दबकर कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मणिकर्ण, जोकि अपने धार्मिक और पर्यटन महत्व के लिए प्रसिद्ध है, वहां इस तरह की आपदा ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों में दहशत भर दी है।

कैसे हुआ हादसा?

स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहाड़ से मलबा तेज रफ्तार से नीचे आया और एक बड़े पेड़ से टकराया। झटके के साथ पेड़ उखड़ गया और सड़क पर जा गिरा। दुर्भाग्यवश, उस समय सड़क किनारे खड़े लोग और वहां से गुजर रहे वाहन इसकी चपेट में आ गए।

कौन-कौन आए हादसे की चपेट में?

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, इस दर्दनाक हादसे में सड़क किनारे रेहड़ी लगाने वाले एक दुकानदार की जान चली गई। इसके अलावा, एक सूमो कार में सवार दो लोग और तीन पर्यटक भी इस हादसे का शिकार हो गए।

सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं और बचाव अभियान शुरू कर दिया। सभी छह शवों को कब्जे में लेकर पुलिस उनकी शिनाख्त करने में जुटी है।

घायलों का इलाज जारी

भूस्खलन में घायल हुए लोगों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। एडीएम कुल्लू अश्वनी कुमार ने पुष्टि की है कि 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है, ताकि किसी और अनहोनी को रोका जा सके।

इस हादसे के बाद पूरे कुल्लू जिले में हड़कंप मच गया। बारिश के चलते पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे संभावित भूस्खलन वाले इलाकों में न जाएं और सतर्क रहें।

प्राकृतिक आपदा या लापरवाही?

अब सवाल यह उठता है कि क्या यह सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा थी, या फिर प्रशासन की कोई लापरवाही भी जिम्मेदार है? हिमाचल में लगातार हो रही बारिश से पहाड़ कमजोर हो चुके हैं, जिससे लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं। क्या इस इलाके में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम थे? क्या प्रशासन ने पहले से कोई चेतावनी जारी की थी? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में जांच के बाद मिल सकते हैं, लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर हिमाचल की खतरनाक भूस्खलन समस्या को उजागर कर दिया है।

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