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"ऐसा कैसे हो सकता है?" 50 साल की बेगम ने दिया 14वें बच्चे को जन्म, डॉक्टर भी सोच में पड़ गए!

एक ओर सरकार हम दो, हमारे दो का नारा दे रही है, तो दूसरी ओर हापुड़ के बजरंगपुरी में एक अनोखी घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके...--
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Hapur News:एक ओर सरकार हम दो, हमारे दो का नारा दे रही है, तो दूसरी ओर हापुड़ के बजरंगपुरी में एक अनोखी घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया है। यहां रहने वाले इमामुद्दीन की 50 वर्षीय पत्नी गुड़िया ने 14वें बच्चे को जन्म दिया, जिससे न सिर्फ डॉक्टर हैरान रह गए, बल्कि यह खबर इलाके में आग की तरह फैल गई।

गुड़िया की डिलीवरी बेहद नाटकीय परिस्थितियों में हुई। शुक्रवार शाम जब उन्हें अचानक प्रसव पीड़ा हुई, तो परिवार वाले उन्हें पिलखुवा सीएचसी लेकर गए। वहां से हालत गंभीर बताते हुए मेरठ रेफर कर दिया गया। (Hapur News) लेकिन रास्ते में ही हालत बिगड़ने लगी, जिसके चलते एम्बुलेंस को जिला अस्पताल ले जाना पड़ा। जैसे ही महिला अस्पताल के गेट पर पहुंची, वहीं पर उन्होंने 14वें बच्चे को जन्म दे दिया! अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और स्टाफ पहले तो सदमे में आ गए, लेकिन तुरंत जच्चा...बच्चा को भर्ती कर लिया गया। कुछ घंटे निगरानी में रखने के बाद, जब दोनों की हालत स्थिर हुई, तो उन्हें घर भेज दिया गया।

बेटा 22 साल का, तीन बच्चों की हो चुकी है मौत!

गुड़िया के पहले बेटे की उम्र 22 साल है, जबकि बाकी सभी बच्चों की डिलीवरी में एक-एक साल का भी अंतर नहीं है। हैरानी की बात यह है कि बड़ा बेटा अपनी मां की डिलीवरी के वक्त अस्पताल में मौजूद था।

हालांकि, गुड़िया के तीन बच्चों की पहले ही मौत हो चुकी है, लेकिन बाकी बच्चे और पूरा परिवार इस खबर से एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

 लोग बोले – "ये नया रिकॉर्ड बन सकता है!"

जैसे ही खबर फैली, बजरंगपुरी इलाके में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दूर-दूर से लोग इमामुद्दीन और उनके 14 बच्चों वाले परिवार को देखने आ रहे हैं। कोई इसे मेडिकल साइंस का करिश्मा मान रहा है, तो कोई इसे परिवार नियोजन की नाकामी का उदाहरण बता रहा है।

डॉक्टर भी हैरान हैं कि 50 साल की उम्र में सुरक्षित डिलीवरी कैसे हो गई! आमतौर पर इस उम्र में गर्भधारण को जोखिम भरा माना जाता है, लेकिन इस मामले ने मेडिकल साइंस को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।

एक ओर सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर सख्ती दिखा रही है, तो दूसरी ओर ऐसे मामले परिवार नियोजन की जमीनी हकीकत को उजागर करते हैं। सवाल यह है कि क्या ये सही है? क्या इतने बड़े परिवार को पालना एक चुनौती नहीं बनेगा?

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