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Delhi: दिल्ली को लेकर CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा ! अब क्या करेगी दिल्ली सरकार ? 

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है, जिसके बाद दिल्ली सरकार सख्त कदम उठा सकती है।
05:34 PM Apr 01, 2025 IST | Vivek Chaturvedi

Delhi Pollution Cag Report: दिल्ली को लेकर CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली और NCR में हर साल प्रदूषण से लोगों का दम क्यों घुटता है? (Delhi Pollution Cag Report) इसकी असल वजह अब सामने आ गई है। CAG रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी करने में मनमानी की जा रही है। ऐसे वाहनों को भी सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं, जो मानकों को पूरा नहीं कर रहे। CAG रिपोर्ट में कुछ और खामियां भी सामने आई हैं। जिसके बाद माना जा रहा है कि अब दिल्ली सरकार इस मामले में सख्त बरत सकती है।

दिल्ली-NCR में प्रदूषण की क्या वजह?

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक क्यों हो जाता है? इसकी वजह CAG रिपोर्ट में सामने आई है। कैग रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों और प्रदूषण जांच के आंकड़ों में भारी अंतर पाया गया है। जिससे जाहिर होता है कि वाहन मालिक नियमित तौर पर वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं करवा रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय डेटाबेस और उत्सर्जन डेटा के बीच लिंक नहीं है, इस वजह से  PCCs को वाहन BS उत्सर्जन मानक को मैन्युअल चुन रहे हैं। इससे भी गड़बड़ी की आशंका रहती है।

CAG रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा !

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर आई CAG रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक परिवहन विभाग की ओर से पॉल्यूशन की जांच करने वाले उपकरण और जांच केंद्रों की जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में कई पॉल्यूशन केंद्र के उपकरणों की जांच नहीं हुई, जबकि वह वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे। इसके अलावा पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए रिमोट सेंसिंग उपकरणों का भी उपयोग नहीं किया गया। जबकि इससे वगैर वाहन को रोके ही प्रदूषण का पता चल सकता है।

पुराने वाहन डी-रजिस्टर करने में सुस्ती

दिल्ली में 2018-19 से 2020-21 के बीच ज्यादातर फिटनेस सर्टिफिकेट बुराडी से जारी किए गए। जबकि स्वचालित परीक्षण केंद्र का उपयोग तुलनात्मक रुप से बहुत कम हुआ। कई वाहनों को बिना प्रदूषण जांच ही पास करने की बात भी सामने आई है। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद पुराने वाहनों का पंजीकरण जारी रहा। साल 2018 से 2021 के बीच केवल 6.27% पुराने वाहनों को ही डी-रजिस्टर किया गया। दिल्ली में 41 लाख से ज्यादा पुराने वाहन (ELV) हैं, मगर सिर्फ 357 वाहन ही जब्त किए गए।

क्या अब दिल्ली सरकार करेगी सख्ती?

CAG रिपोर्ट से दिल्ली में प्रदूषण जांच को लेकर हुए इस खुलासे के बाद अब दिल्ली सरकार सख्त कदम उठा सकती है। कैग रिपोर्ट में आया है कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों से प्रदूषण उत्सर्जन की जांच भी काफी कमजोर रही। ऐसे में माना जा रहा है कि अब दिल्ली सरकार वर्क फोर्स बढ़ाकर प्रदूषण नियंत्रण पर सख्त कदम उठा सकती है। CAG रिपोर्ट में भी सरकार से प्रदूषण जांच की निगरानी के साथ ऑटोमेटिक टेस्टिंग को बढ़ावा देने और पुराने वाहनों पर कंट्रोल करने की सिफारिश की गई है।

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