Tahawwur Rana: 'तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण UPA सरकार के प्रयासों की बदौलत' पी चिदंबरम ने क्या बताया?
Chidambaram On Tahawwur Rana: मुंबई 26/11 हमलों का मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा भारत आ चुका है। तहव्वुर राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण को लेकर अब सियासत भी शुरु होती दिख रही है। (Chidambaram On Tahawwur Rana) तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का बयान आया है। उनका कहना है कि भाजपा भले तहव्वुर राणा को भारत लाने का श्रेय ले रही है, मगर सच्चाई कुछ और है। पी चिदंबरम ने क्या कहा? जानते हैं
तहव्वुर राणा पर क्या बोले चिदंबरम
मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका ने भारत प्रत्यर्पित कर दिया है। आज 10 अप्रैल को तहव्वुर राणा को अमेरिका से विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। अब इस मामले पर सियासी बयानबाजी शुरु हो गई है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को लेकर बयान दिया है। पी चिदंबरम का कहना है कि तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की खुशी है। मगर मोदी सरकार इसका श्रेय लेने की होड में लगी है। ऐसे में पूरी कहानी बताना भी जरुरी है।
'UPA सरकार के प्रयासों से प्रत्यर्पण'
पी चिदंबरम का कहना है कि तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण UPA सरकार के प्रयासों का नतीजा है। डेढ़ दशक पहले UPA सरकार ने कूटनीतिक प्रयास शुरु किए। तहव्वुर राणा को 2009 में गिरफ्तार किया गया था। तब से ही UPA सरकार ने कूटनीतिक दबाव बनाए रखा। साल 2011 में NIA की टीम अमेरिका गई। अमेरिका ने कानूनी सहायता संधि के तहत कुछ अहम सबूत भारत को सौंपे। इसके बाद फरार आरोपियों के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी किए गए।
गिरफ्तारी से प्रत्यर्पण तक क्या हुआ ?
तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए 2012 में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अमेरिकी राज्य सचिव से बात की। अमेरिका में भारतीय राजदूत ने भी लगातार यह मुद्दा अमेरिका के सामने उठाया। इस बीच 2014 में UPA सरकार सत्ता से बाहर हो गई। मगर UPA सरकार की ओर से इस मामले में की गई पहल की वजह से यह प्रक्रिया चलती रही। इस बीच तहव्वुर राणा ने प्रत्यर्पण के खिलाफ कई याचिकाएं दार कीं, मगर सभी खारिज हो गईं। जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के बाद राणा के भारत प्रत्यर्पण को अंतिम स्वीकृति मिली।
'यह मोदी सरकार की सफलता नहीं'
कांग्रेस नेता चिदंबरम का कहना है कि यह सालों की मेहनत से बढ़ी न्याय की प्रक्रिया है। मोदी सरकार इसका क्रेडिट लेने की कोशिश करती दिख रही है। मगर सच्चाई यही है कि राणा का भारत प्रत्यर्पण UPA सरकार के प्रयासों का नतीजा है। जिसकी वजह से 8 अप्रैल 2025 को राणा को भारतीय एजेंसी को सौंपा गया और आज 10 अप्रैल को तहव्वुर राणा को भारत लाया जा सका है। मोदी सरकार ने ना तो इसकी प्रक्रिया शुरु की और ना कोई नई सफलता हासिल की। भाजपा को संस्थागत ढांचे का फायदा मिल रहा है।
यह भी पढ़ें: Tahawwur Rana: आतंकी तहव्वुर राणा पहुंचा दिल्ली, BJP का पोस्ट- नए भारत में आतंकवादियों के लिए कोई दया
यह भी पढ़ें: भारत के बढ़ते राजनीतिक वजूद के चलते हुआ तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण
.