Chaitra Navratri: इस वर्ष 9 नहीं 8 दिनों की होगी चैत्र नवरात्रि, ज्योतिषाचार्य से जानें इसका कारण
Chaitra Navratri Days: चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तक चलता है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन को हिंदू धर्म के अनुसार नव वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है। देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित नौ दिवसीय त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों (Chaitra Navratri Days) का जश्न मनाता है, जिसमें प्रत्येक दिन उनकी शक्ति, ज्ञान और करुणा के एक अलग पहलू को दर्शाता है।
कब होगा चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ और समापन?
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय के अनुसार, इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत रविवार, 30 मार्च को होगी। वहीं इसका समापन भी रविवार, 6 अप्रैल (Chaitra Navratri Days) को होगा। चैत्र नवरात्रि 2025 की अष्टमी तिथि शनिवार, 5 अप्रैल को है। इस बार चैत्र नवरात्रि सर्वार्थ सिद्ध योग में शुरू हो रही है।
पंडित राकेश पांडेय ने बताया कि इस साल नवरात्रि के दिनों में थोड़ी कमी है, इसलिए एक ही दिन में दो व्रत रखे जाएंगे। प्रतिपदा तिथि 29 मार्च, शनिवार शाम 4:28 बजे से शुरू होकर रविवार 30 मार्च, दोपहर 12:49 बजे तक रहेगी।
चैत्र नवरात्रि 2025 कलश स्थापना का पहला शुभ मुहूर्त रविवार 30 मार्च को सुबह 6:13 बजे से 10:22 बजे तक है। दूसरा शुभ अभिजीत मुहूर्त रविवार 30 मार्च को दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक है
क्यों होगी इस बार आठ दिनों की नवरात्रि?
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय ने बताया कि इस वर्ष का नवरात्र 8 दिनों का ही है। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि पंचमी तिथि (Chaitra Navratri 2025) का लोप हो रहा है। रविवार, 6 अप्रैल को ही नवरात्रि व्रत की पूर्णाहूती व कन्या पूजन किया जाएगा। इसी दिन राम नवमी भी मनाई जाएगी। पंडित राकेश पांडेय ने बताया कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में 2 अप्रैल को ही चतुर्थी व पंचमी दोनों तिथियां मनाई जाएंगी और इसी दिन दोनों तिथियों के लिए व्रत रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि देवी कुष्मांडा और स्कंदमाता की पूजा एक ही दिन 2 अप्रैल को की जाएगी।
चैत्र नवरात्रि की नौ तिथियां
30 मार्च, 2025 - प्रतिपदा (घटस्थापना और शैलपुत्री पूजा)
31 मार्च 2025 - द्वितीया (ब्रह्मचारिणी पूजा)
1 अप्रैल, 2025 - तृतीया (चंद्रघंटा पूजा)
2 अप्रैल, 2025 - चतुर्थी (कुष्मांडा पूजा), पंचमी (स्कंदमाता पूजा)
3 अप्रैल 2025 - षष्ठी (कात्यायनी पूजा)
4 अप्रैल, 2025 - सप्तमी (कालरात्रि पूजा)
5 अप्रैल, 2025 - अष्टमी (महागौरी पूजा और कन्या पूजन)
6 अप्रैल, 2025 - नवमी (सिद्धिदात्री पूजा और राम नवमी)
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