बिजनेस छोड़ थामा डिलीवरी बैग, जोमैटो बॉय की ये कहानी सबको सोचने पर मजबूर कर देगी!
Businessman Turned Zomato Delivery Boy: डिलीवरी ऐप्स वर्तमान में हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी हैं। चाहे वो खाना हो, या फिर किसी सामान की डिलीवरी, लगभग हर किसी के दिन का एक हिस्सा बन गया है। लेकिन, हम में से कितने लोग ये सोचते हैं कि यह काम करने वालाें की जिंदगी कैसे होती है? अमेरिका से लौटे बिजनेसमैन ने इस सवाल ढूंढने के लिए खुद को जोमैटो का डिलीवरी एजेंट बना लिया। (Businessman Turned Zomato Delivery Boy)उन्होंने एक हफ्ते तक इस अनुभव को जिया, ताकि समझ सकें कि ये डिलीवरी बाॅय किस कठिनाई से गुजरते हैं।
डिलीवरी एजेंट बनकर उसे जो अनुभव हुआ उसने वह रेडिट नाम की ब्लॉगिंग साइट पर शेयर किया। एक खबर के अनुसार, इस शख्स को डिलीवरी एजेंट बनने की बात उस वक्त सूझी जब उसे एक काम में असफलता मिली जिसके लिए वह कई दिनों से मेहनत कर रहा था। इस बारे में उसने अपने पिता से बात की और उसके पिता ने ही कहा कि तुम्हें कुछ नया ट्राई करने की जरूरत है।
एक बिजनेसमैन का जोमैटो डिलीवरी एजेंट...
इस शख्स ने खुद को जोमैटो के डिलीवरी एजेंट के रूप में साइन अप किया और निकल पड़ा खाना डिलीवर करने। इस दौरान उसने पाया कि डिलीवरी एजेंट्स के कैसे हर दिन चिलचिलाती धूप, ट्रैफिक से भरी सड़कें और लोगों के खराब बर्ताव का सामना करना पड़ता है। इस दौरान उसे डिहाइड्रेशन और थकावट थकावट का सामना करना पड़ा। उसे धीरे-धीरे समझ आया कि उसका शरीर गिर रहा है। उसका कहना था कि वह अपनी हर ऑर्डर डिलीवरी में जितना सभ्य पेश आ सकता था आया लेकिन सामने से उसे वैसा व्यवहार शायद ही कहीं मिला।
डिलीवरी एजेंट का अनुभव वायरल!
इस शख्स ने बताया कि एक डिलीवरी एजेंट को हर दिन काम करने से जितनी कमाई होती है उससे वह उस पर ऐप एक टाइम का खाना भी नहीं अफोर्ड कर सकता जिसके लिए वह काम कर रहा है। उसने बताया कि 15 साल से उसने स्कूटर वगैरह नहीं चलाया है और डिलीवरी एजेंट के तौर पर काम करने के बाद रात को जब वह सोता था तो सुबह तक भी उसमें हिलने की हिम्मत नहीं होती थी। उसका ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कई लोगों ने गिग वर्कर्स और उनके जज्बे की तारीफ की लेकिन कई लोगों ने यह भी कहा कि गिग वर्कर्स का जो एक संगठित तरीके से शोषण किया जा रहा है इस पर अब चर्चा करना जरूरी हो गया है।
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