किताब, कश्मीर और कटाक्ष! उमर का महबूबा पर वार, पिता की छवि पर सियासी तूफान
AS Dulat book controversy: पूर्व रॉ प्रमुख ए.एस. दुलत की आगामी किताब को लेकर जम्मू-कश्मीर की सियासत गरमा गई है। दुलत ने दावा किया है कि अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी दिल्ली का साथ दिया था। इस खुलासे पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ "धोखा" करार दिया है।
अब इस पूरे विवाद पर उमर अब्दुल्ला ने मोर्चा संभालते हुए PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर जोरदार पलटवार किया है। सीएम उमर अब्दुल्ला ने हमला करते हुए सवाल किया कि क्या खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत की एक किताब में उनके पिता के बारे में लिखी गईं बातें भी सच हैं? (AS Dulat book controversy) उमर ने कहा, ‘यदि महबूबा मुफ्ती मानती हैं कि दुलत ने जो कुछ लिखा है वह सच है, तो क्या हमें भी उनकी पहली किताब में उनके पिता के बारे में लिखी गई बातों को सच मान लेना चाहिए?’ महबूबा मुफ्ती के पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे।
जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ धोखा...
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने दुलत की 18 अप्रैल को आने वाली नई किताब (द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई) में फारूक अब्दुल्ला के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि वह रॉ के पूर्व प्रमुख दुलत की नई पुस्तक में फारूक अब्दुल्ला के अनुच्छेद 370 को हटाने का निजी तौर पर समर्थन करने के खुलासे से बेसुध नहीं हैं। लेकिन यह जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है।
ऐसे दोस्तों के होते हुए दुश्मनों की क्या..
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, यदि महबूबा मुफ्ती मानती हैं कि दुलत ने जो कुछ लिखा है वह सच है, तो क्या हमें भी उनकी पहली किताब में उनके पिता के बारे में लिखी गई बातों को सच मान लेना चाहिए? महबूबा मुफ्ती के पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। महबूबा ने कहा कि वह रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख दुलत की नई पुस्तक में फारूक अब्दुल्ला के अनुच्छेद 370 को हटाने का निजी तौर पर समर्थन करने के खुलासे से हतप्रभ नहीं हैं।
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा,अगर महबूबा मुफ्ती जी को लगता है कि दुलत द्वारा लिखी गई हर बात सच है, तो क्या हमें मुफ्ती के पिता के बारे में उनकी पहली किताब में लिखी गई बातों को भी सच मान लेना चाहिए? उन्होंने कहा, गर हम मानते हैं कि यह सच है, तो महबूबा जी लोगों को कैसे समझा सकती हैं? उन्हें कृपया इसका जवाब देना चाहिए। उमर ने दुलत की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि किताबों की बिक्री बढ़ाने के लिए तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना उनकी आदत है। उन्होंने कहा, ऐसे दोस्तों के होते हुए दुश्मनों की क्या जरूरत है?
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