अन्ना कोनिडेला ने तिरुमाला में मुंडवाया सिर, जानिए कौन सी मन्नत पूरी हुई पवन कल्याण की पत्नी
Anna Konidela head tonsure at Tirumala: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की पत्नी ने रविवार को तिरुमाला मंदिर में अपना सिर मुंडवाकर मन्नत पूरी की। उन्होंने हाल ही में सिंगापुर के एक स्कूल में आगजनी की घटना में घायल हुए अपने बेटे की सलामती के लिए मन्नत मांगी थी। (Anna Konidela head tonsure at Tirumala) अन्ना कोनिडेला ने देवता के प्रति अपनी कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में अपने बाल अर्पित कर भगवान वेंकटेश्वर को धन्यवाद दिया।
आठ अप्रैल को सिंगापुर में समर कैंप में लगी थी आग
कल्याण दंपती के बेटे मार्क शंकर सिंगापुर में एक समर कैंप में भाग लेने गए थे। जहां 8 अप्रैल को आग लग गई। हादसे में मार्क के हाथ-पैर जल गए थे और उन्हें धुएं की वजह से भी तकलीफ हुई थी। गनीमत रही कि वह इस हादसे में बच गए। हादसे में घायल बेटे की सलामती के लिए अन्ना ने तिरुमाला मंदिर में बाल अर्पित करने के लिए मन्नत मांगी थी।
पद्मावती कल्याण कट्टा में अर्पित किए अपने बाल
उपमुख्यमंत्री कल्याण की पत्नी अन्ना ने मंदिर की परंपरा को ध्यान में रखते हुए 'पद्मावती कल्याण कट्टा' में अपने बाल अर्पित किए। जिसके बाद उन्होंने धार्मिक अनुष्ठानों में भी भाग लिया। जनसेना पार्टी की प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया है कि अन्ना कोनिडेला ने मन्नत मांगी थी कि यदि उनका बेटा दुर्घटना में बच जाता है, तो वह देवता को अपने बाल अर्पित करेंगी। संयोग से अब उनका बेटा दुर्घटना में घायल होने के बाद स्वस्थ है, जिसके चलते अन्ना ने बाल मुंडवाकर अपनी मन्नत को पूरा किया है। अन्ना कोनिडेला रूसी रूढ़ीवादी ईसाई हैं, इसलिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के नियमों के अनुसार, उन्होंने पहले मंदिर के अधिकारियों की उपस्थिति में भगवान वेंकटेश्वर में अपनी आस्था की घोषणा की और घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। बाद में उन्होंने मंदिर की यात्रा की और विभिन्न अनुष्ठानों में भाग लिया।
पवन कल्याण की पत्नी ने मुंडवाया सिर
अगर आप सोच रहे हैं कि तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में कुछ लोग अपने सिर क्यों मुंडवाते हैं, तो यह एक बहुत ही खास परंपरा है। कई भक्त इसे भगवान से किए गए वादे के रूप में करते हैं। कुछ इस तरह, 'अगर मेरी इच्छा पूरी होती है, तो मैं अपने बाल अर्पित करूंगा।' यह उन्हें मिले आशीर्वाद के लिए धन्यवाद कहने का उनका तरीका है। कुछ लोग इसे प्रार्थना करने से ठीक पहले भी करते हैं, ताकि भगवान के दर्शन करने से पहले अंदर और बाहर दोनों तरह से स्वच्छ महसूस करें और नई शुरुआत करें।
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