विशाखापत्तनम के सिंहाचलम मंदिर में दर्दनाक हादसा! गिरी दीवार, 7 की मौत, मचा कोहराम
Andhra Pradesh News:आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सिम्हाचलम स्थित श्री वराहालक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में बुधवार तड़के चंदनोत्सव के दौरान एक दुखद हादसा हुआ। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण मंदिर परिसर में हाल ही में बनी एक दीवार ढह गई, जिसके मलबे में दबकर 8 लोगों की मौत हो गई और 3 अन्य घायल हो गए। ( Andhra Pradesh News )मृतकों में 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। इस घटना ने मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं के बीच दहशत फैला दी। NDRF और SDRF की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य की कमान संभाली और कई लोगों को रेस्क्यू किया।
आखिर हादसा हुआ कैसे?
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर में ये हादसा उस समय हुआ जब भक्तों की भीड़ चंदनोत्सवम के लिए इकट्ठा हुई थी। इसी दौरान अचानक 20 फीट की एक दीवार का हिस्सा ढह गया। इससे वहां भगदड़ मच गई। इस हादसे को लेकर जिले के कलेक्टर हरेंद्र प्रसाद ने कहा कि बचाव टीमें घायलों को अस्पताल पहुंचा रही हैं। हादसा किस कारण से हुआ है उसकी भी जांच की जा रही है।
#WATCH | Andhra Pradesh | Seven people died and four got injured after a 20-foot-long stretch collapsed during the Chandanotsavam festival at the Sri Varahalakshmi Narasimha Swamy temple in Visakhapatnam. Search and rescue operations are underway by the SDRF and NDRF: District… https://t.co/a3CqI37FSI pic.twitter.com/cPlakHAxCG
— ANI (@ANI) April 30, 2025
दल ने मलबे से 7 शव बरामद...
हादसा सुबह करीब 2:15 बजे सिम्हाचलम की पहाड़ी पर हुआ, जब भारी बारिश के बाद तेज हवाएं चलीं। इसी दौरान 300 रुपये के टिकट की कतार के लिए बनाई गई एक नई दीवार का हिस्सा अचानक ढह गया। दीवार के मलबे में दबने से मौके पर ही 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायलों को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। बचाव दल ने मलबे से 7 शव बरामद किए और घायलों को सुरक्षित निकाला। मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका को देखते हुए बचाव अभियान जारी है।
जानिए क्या है सिम्हाचलम मंदिर का चंदनोत्सव?
चंदनोत्सव सिम्हाचलम मंदिर का एक प्रमुख वार्षिक उत्सव है। जिसमें लाखों श्रद्धालु भगवान वराहालक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी के 'निजरूप' दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस दिन भगवान की मूर्ति को चंदन से ढका जाता है। श्रद्धालु इस पवित्र अनुष्ठान का हिस्सा बनने के लिए देश के कई हिस्सों से आते हैं। इस साल मंदिर प्रशासन ने करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई थी।
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