AK-47 Rifle: एक मिनट में 100 गोलियां दागती है यह बंदूक, क्यों खास है AK-47 ?
AK-47 Rifle Qualities: पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। आतंकी हमले के बाद भारत, पाकिस्तान दोनों ने ही बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है। (AK-47 Rifle Qualities) भारत ने मिसाइल परीक्षण भी किया है। इन हालातों के बीच आज उस खास बंदूक की चर्चा, जो सुरक्षा बलों से लेकर आतंकियों तक इस्तेमाल करते हैं। भारत में आम आदमी का इस बंदूक को रखना गैर कानूनी है। इस बंदूक का नाम है AK 47, इसकी क्या खासियत हैं? जानते हैं...
सबसे पहले कब बनी थी AK 47?
AK 47 यह एक बहुचर्चित बंदूक है, जिसका नाम लगभग हर शख्स जानता है। इस बंदूक को सुरक्षा बल उपयोग करते हैं। तो आतंकी भी गैर कानूनी तरीके से इस बंदूक का इस्तेमाल करते हैं। इस बंदूक का पूरा नाम Automatic Kalashnikov-47 है। यह नाम इस राइफल के ऑटोमैटिक स्वचालन और इसके आविष्कारक Mikhail Kalashnikov के नाम पर पड़ा। इस बंदूक का निर्माण सबसे पहले साल 1947 में किया गया था। इसके बाद यह बंदूक इतनी चर्चित हो चुकी है कि हर कोई इसका नाम जरुर जानता है।
भारत में AK 47 पर क्या प्रतिबंध ?
भारत में AK-47 राइफल का इस्तेमाल सुरक्षा बल या पुलिस फोर्स की ओर से किया जाता है। आम आदमी को AK 47 रखने की परमिशन नहीं है। इसे रखना गैर कानूनी है, अगर किसी आम आदमी के पास यह राइफल मिलती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। मगर आतंकवादी चोरी छिपे दूसरे देशों से इस राइफल को ले आते हैं। आतंकियों की ओर से हमले के दौरान कई बार इस राइफल के इस्तेमाल के मामले आते रहे हैं।
क्यों खास है AK 47 राइफल?
AK 47 राइफल फुली ऑटोमेटिक होती है। इससे 600 राउंड फायर किए जा सकते हैं। इस राइफल को दो मोड में ऑपरेट किया जा सकता है। सेमी-ऑटो मोड में इस राइफल से हर मिनट 40 राउंड दागे जा सकते हैं। जबकि बर्स्ट मोड में यह राइफल हर मिनट में 100 राउंड गोलियां चला सकती है। इस बंदूक में 7.62x39mm की गोलियां लोड की जाती है। इसकी रेंज करीब 350 मीटर होती है, यह बेहद पावरफुल गन है। जिसकी गोली दीवार को भी भेद सकती है।
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