'BMC का एक्शन कानून का मजाक, आस्था पर चोट' मंदिर पर बुलडोजर एक्शन पर क्या बोले अबू आजमी?
Abu Azmi On Jain Temple Demolition: मुंबई में जैन मंदिर पर बुलडोजर एक्शन का मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है। (Abu Azmi On Jain Temple Demolition) BMC के इस एक्शन के बाद महायुति सरकार के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। विपक्ष लगातार भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर हमले बोल रहा है। इस कड़ी में अब महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी का भी बयान आया है। उन्होंने जैन मंदिर को ध्वस्त करने के मामले में सरकार पर सवाल उठाए।
BMC की कार्रवाई नाइंसाफी- आजमी
सपा विधायक अबू आजमी ने मुंबई में जैन मंदिर को ध्वस्त करने के मामले में नाराजगी जताई है। अबू आजमी ने मुंबई महानगर पालिका की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे एक्शन से कानून व्यवस्था खराब होती है। क्या मुंबई नगर निगम को अब कोर्ट की परवाह भी नहीं रही? एक धार्मिक स्थल को कोर्ट के फैसले से पहले ही तोड़ दिया जाना सिर्फ कानून का मज़ाक ही नहीं, बल्कि आस्था पर चोट भी है। उन्होंने BMC की इस कार्रवाई को नाइंसाफी बताया और सरकार पर भी निशाना साधा।
विले पारले में जैन समाज के मंदिर के खिलाफ मुंबई महानगरपालिका की कार्रवाई सरासर नाइंसाफी है। हमारा देश एक धार्मिक देश है, धार्मिक स्थलों पर इस तरह की कार्रवाई से कानून व्यवस्था खराब होती है, सरकार को ऐसे मसलों के लिए अलग प्रक्रिया बनाने की जरूरत है।#JainMandir #JainCommunity… pic.twitter.com/RxLtp5FblT
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) April 19, 2025
'ऐसी कार्रवाई से खराब होता है सौहार्द'
अबू आजमी ने कहा कि ऐसी कार्रवाई सामाजिक सौहार्द खराब करने का काम करती हैं। सरकार को इसकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय लोगों का हवाला देते हुए कहा कि लोगों के मुताबिक यह मंदिर काफी सालों पुराना था और लोगों की आस्था का केंद्र था। इसका मामला अदालत में लंबित था, इस बीच ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जनभावनाओं का अपमान है। इधर, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अबू आजमी का यह बयान पूरी तरह सियासी है। कुछ दिन पहले तक औरंगजेब की तारीफ करने वाले अबू आजमी अब छवि सुधार की कोशिश में हैं।
क्या है विले पार्ले जैन मंदिर विवाद ?
मुंबई महानगर पालिका की ओर से विले पार्ले में एक सोसायटी में बने जैन मंदिर को ध्वस्त किया गया है। BMC की इस कार्रवाई से जैन समुदाय में भारी आक्रोश है। जैन समाज का कहना है कि BMC की ओर से नोटिस दिया गया था, इसके बाद मामला अदालत पहुंचा। मगर अदालत में सुनवाई से एक दिन पहले ही मंदिर के निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। जो ठीक नहीं है। जैन समुदाय इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहा है। तो इस कार्रवाई ने विपक्ष को भी महायुति सरकार को घेरने का मौका दे दिया है।
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