UPI Down Again: PhonePe-Google Pay यूजर्स परेशान, 20 दिन में तीसरी बार ठप हुई सेवा
UPI Down Again: भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह कोई बढ़िया नहीं है। दरअसल आज एक बार फ़िर से देशभर में UPI सेवाएँ ठप हो गईं, जिसने PhonePe, Google Pay और Paytm जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लाखों यूजर्स को परेशान कर दिया। छोटी-छोटी खरीदारी से लेकर बिजनेस लेनदेन तक, सब कुछ अटक गया। DownDetector की रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर तक 1,168 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें Google Pay और Paytm यूजर्स सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। खास बात यह है कि पिछले 20 दिनों में यह तीसरा मौका है, जब UPI ने यूजर्स को निराश किया। आखिर बार-बार यह दिक्कत क्यों? क्या भारत का डिजिटल इंडिया सपना अब नकद की ओर लौटेगा? आइए, इस कहानी को विस्तार से समझते हैं।
UPI ने दिया फ़िर से झटका
12 अप्रैल की सुबह यूजर्स के लिए उस वक्त मुसीबत बन गई, जब PhonePe, Google Pay और Paytm जैसे ऐप्स ने काम करना बंद कर दिया। कोई दुकान पर चाय का बिल नहीं चुका पाया, तो किसी का ऑनलाइन ऑर्डर अटक गया। DownDetector की रिपोर्ट बताती है कि सुबह 11:30 बजे तक शिकायतें चरम पर थीं—कुल 1,168 यूजर्स ने दिक्कतें बताईं। इनमें Google Pay के 96 और Paytm के 23 यूजर्स शामिल थे। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अपनी भड़ास निकाली। एक ने लिखा, "UPI डाउन है, अब तो पर्स फिर से ढूँढना पड़ेगा!" नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस बार कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, जिससे यूजर्स का गुस्सा और बढ़ गया।
20 दिन में तीसरा आउटेज: क्या चल रहा है?
बता दें कि यह कोई इक्का-दुक्का घटना नहीं। पिछले 20 दिनों में UPI तीसरी बार ठप हुआ है, जिसने डिजिटल पेमेंट की रीढ़ पर सवाल उठा दिए हैं। पहले के आउटेज की बात करें:
26 मार्च 2025: Google Pay और Paytm यूजर्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। DownDetector पर 3,000 से ज्यादा शिकायतें आईं, और यूजर्स 2-3 घंटे तक पेमेंट नहीं कर पाए। NPCI ने इसे "तकनीकी खराबी" बताया था।
2 अप्रैल 2025: 514 यूजर्स ने शिकायत की, जिनमें 52% को फंड ट्रांसफर में दिक्कत हुई। NPCI ने इसे बैंकों की "सफलता दर में उतार-चढ़ाव" का नतीजा माना।
वहीं इस बार का आउटेज सुबह से शुरू हुआ और दोपहर तक चला। छोटे व्यापारियों से लेकर ऑनलाइन शॉपर्स तक, हर कोई परेशान रहा। एक यूजर ने X पर लिखा, "पेट्रोल पंप पर 20 मिनट से फँसा हूँ, क्योंकि UPI काम नहीं कर रहा। नकद कहाँ से लाऊँ?"
खरीददार से लेकर दुकानदार तक परेशान
UPI ने भारत में नकद लेनदेन को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन बार-बार होने वाले आउटेज ने इस भरोसे को हिलाकर रख दिया। खासकर छोटे व्यापारी और दिहाड़ी मजदूर, जो रोजाना के लेनदेन के लिए UPI पर निर्भर हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। एक चायवाले ने बताया कि सुबह से 10 कस्टमर लौट गए, क्योंकि उनके पास नकद नहीं था।" DownDetector के आँकड़े बताते हैं कि 76% यूजर्स को पेमेंट में दिक्कत हुई, जबकि 23% फंड ट्रांसफर नहीं कर पाए। NPCI की चुप्पी ने सवाल उठाया कि क्या भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर इतने बड़े यूजर बेस को संभालने के लिए तैयार है?
तकनीकी खराबी या कुछ और?
UPI के बार-बार डाउन होने की वजहें अब तक साफ नहीं हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सर्वर ओवरलोड, सॉफ्टवेयर ग्लिच या साइबर सिक्योरिटी से जुड़ा हो सकता है। 2 अप्रैल को NPCI ने बैंकों की कमजोर परफॉर्मेंस को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन इस बार कोई जवाब नहीं। कुछ यूजर्स ने X पर मजाक में लिखा, "UPI को भी वीकेंड चाहिए!" लेकिन हकीकत यह है कि भारत में हर दिन करोड़ों ट्रांजैक्शन UPI पर होते हैं। 2024 की दूसरी छमाही में UPI ने ₹200 लाख करोड़ के लेनदेन को हैंडल किया था। ऐसे में, तकनीकी मजबूती की जरूरत अब पहले से कहीं ज्यादा है।
UPI डाउन होने पर यूजर्स क्या करें?
जब UPI डाउन हो तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं, यूजर्स के पास कुछ विकल्प और बचते हैं:
UPI से इतर अन्य विकल्प: UPI का डाउन होना अब आम बात हो गई है। इसलिए आपको जान लेना चाहिए कि ऐसी स्थिति में आपके पास और भी ऑप्शंस हैं जिसके इस्तेमाल से आप कैश का ट्रांजैक्शन UPI के वैकल्पिक स्त्रोतों से कर सकते हैं। इसके ऊपर हमारी विस्तार से रिपोर्ट है क्लिक करो और फ़टाफट जान लो।
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डेबिट/क्रेडिट कार्ड: अगर UPI काम न करे, तो कार्ड्स का इस्तेमाल करें।
पुनः प्रयास से बचें: बार-बार ट्रांजैक्शन ट्राई करने से डुप्लिकेट पेमेंट का खतरा रहता है।
बैंक से संपर्क: अगर पेमेंट अटक जाए, तो तुरंत बैंक से स्टेटस चेक करें।
वहीं बता दें कि NPCI ने पहले कहा था कि ज्यादातर फेल ट्रांजैक्शन का पैसा 3-5 दिन में रिफंड हो जाता है। लेकिन बार-बार की दिक्कतों ने यूजर्स का धैर्य तोड़ दिया है।
क्या डिजिटल इंडिया का सपना अधूरा?
UPI ने भारत को कैशलेस इकॉनमी की दिशा में ले जाने में बड़ा रोल निभाया है, लेकिन बार-बार आउटेज इसकी चमक को फीका कर रहे हैं। छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े बिजनेस तक, हर कोई UPI पर निर्भर है। अगर ऐसी दिक्कतें जारी रहीं, तो लोग फिर से नकद की ओर लौट सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि NPCI को इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने और बैकअप सिस्टम पर काम करने की जरूरत है। सवाल यह है—क्या UPI का यह ठप्पा सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी है, या डिजिटल इंडिया के सपने में बड़ी खामी? जवाब का इंतजार यूजर्स को है, और शायद NPCI को भी।
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