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भारत में AI को लेकर राज्य दिखा रहे अपना दम, जानें किस राज्य की क्या है रणनीति?

यह एआई केंद्र सरकार और उद्योग दोनों को सहयोग देगा, जिससे गुजरात को तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
04:04 PM Jan 30, 2025 IST | Vyom Tiwari

डीपसीक पर चर्चा जारी ही थी कि आज चीन की एक और कंपनी अलीबाबा ने दावा किया कि उसके नए क्वेन 2.5 एआई मॉडल ने डीपसीक-वी3 को पीछे छोड़ दिया है।

भारत में इन दिनों एक बड़ी चर्चा चल रही है – क्या डीपसीक जैसी किफायती तकनीक भारतीय उद्यमियों को कुछ नया और अनूठा करने के लिए प्रेरित करेगी?

सरकार ने अगले पाँच साल में देशभर में 10,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) लगाने के लिए 10,300 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, भारत का पहला GPU इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगा। सरकार अब हार्डवेयर सेक्टर को मजबूत करने और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) नीति पर तेजी से काम कर रही है। हाल ही में बिज़नेस स्टैंडर्ड को दिए इंटरव्यू में मंत्री वैष्णव ने बताया कि एआई को लेकर सरकार की ओर से गहराई से चर्चा हो रही है। सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता वाली समिति ने एआई के नियम-कायदों पर अपनी रिपोर्ट दे दी है, और अब सरकार इन सिफारिशों पर विचार कर रही है।

केंद्र की नीतियों के साथ-साथ राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर एआई को अपनाने के लिए योजनाएं बना रही हैं। 'इंडिया एआई मिशन' शुरू होने से पहले ही कई राज्यों ने एआई पर बड़े कदम उठाए हैं, जो देश की ज़रूरतों के मुताबिक हैं। खासकर दक्षिण भारत के राज्य इस दिशा में सबसे आगे हैं और निवेशक भी यहां काफी रुचि दिखा रहे हैं।

तमिलनाडु

तमिलनाडु बना भारत में एआई क्रांति का अगुआ

तमिलनाडु भारत का पहला राज्य है जिसने 2020 में नैतिक और जिम्मेदार एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के विकास के लिए एक व्यापक नीति बनाई थी। इसके तहत तमिलनाडु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन (TNAIM) की शुरुआत की गई और राज्य में एआई उत्कृष्टता केंद्र बनाने की योजना भी बनाई गई। इस पहल से तमिलनाडु धीरे-धीरे भारत में एआई का केंद्र बनता जा रहा है और गूगल, पेपल, एमेजॉन वेब सर्विसेज और अप्लाइड मैटेरियल्स जैसी बड़ी कंपनियां यहां निवेश कर रही हैं।

तमिलनाडु में एआई का बढ़ता प्रभाव

एआई का इस्तेमाल राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में हो रहा है। उदाहरण के लिए:

✅ यातायात व्यवस्था में सुधार – चेन्नई में एआई से ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर बनाया जा रहा है।

✅ स्कूलों और दफ्तरों में स्मार्ट उपस्थिति प्रणाली – 3,000 सरकारी स्कूलों और कार्यालयों में फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक से उपस्थिति दर्ज की जा रही है।

✅ कृषि क्षेत्र में मदद – किसानों को सही समय पर मौसम और खेती से जुड़ी जानकारी देने के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है।

राज्य सरकार एआई लैब्स खोलने, वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी करने और एआई को बढ़ावा देने के लिए विशेष मिशन चलाने की दिशा में काम कर रही है। इससे तमिलनाडु भारत में एआई क्रांति में सबसे आगे है।

भविष्य की योजनाएं और आईटी नीति में बदलाव

सूत्रों के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार अपनी आईटी नीति में बदलाव करने और एआई को इसमें एक अलग खंड के रूप में शामिल करने पर विचार कर रही है। इस नई नीति के 2024 में आने की संभावना है।

एआई पेशेवरों की बढ़ती मांग

तमिलनाडु सरकार ने एआई में कुशल श्रमबल तैयार करने के लिए एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और एमेजॉन वेब सर्विसेज जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी की है। राज्य सरकार का लक्ष्य 2027 तक 5 लाख एआई प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षित करना है। इसके अलावा, तमिलनाडु सरकार ने 26 से ज्यादा कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे राज्य में एआई का विकास और तेज़ी से हो सके।

तेलंगाना

तेलंगाना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने हैदराबाद के पास 200 एकड़ में एक एआई सिटी बनाने की योजना बनाई है, जिसे देश में एआई अनुसंधान और नवाचार का मुख्य केंद्र बनाया जाएगा। सरकार तेलंगाना को "एआई राजधानी" के रूप में स्थापित करने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है।

एआई ट्रेनिंग और शिक्षा में निवेश

'एडवांटेज तेलंगाना' पहल के तहत, माइक्रोसॉफ्ट 50,000 स्कूल छात्रों, 10,000 प्रोफेशनल कोर्स करने वाले छात्रों, 20,000 उद्योग कर्मचारियों और 50,000 सरकारी अधिकारियों को एआई, डिजिटल उत्पादकता और साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग देगा। इसके अलावा, एनवीडिया के डीप लर्निंग इंस्टीट्यूट (DLI) प्रोग्राम के जरिए 200 तकनीकी और उच्च शिक्षण संस्थानों के 5,000 छात्रों को एआई का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

ई-गवर्नेंस और इंडस्ट्री के लिए एआई

राज्य सरकार मेटा के साथ मिलकर जेनरेटिव एआई के ज़रिए ई-गवर्नेंस को बेहतर बनाने पर काम कर रही है। वहीं, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर्स एसोसिएशन (WTCA) हैदराबाद के पास एक एआई-केंद्रित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बना रहा है, जिससे उद्योगों और व्यापार को नई तकनीकों का फायदा मिल सके।

आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडु की योजना है कि हर परिवार में एक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) विशेषज्ञ हो। इस लक्ष्य को पाने के लिए राज्य सरकार ने हाल ही में गूगल के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत स्कूल स्तर से ही छात्रों को एआई से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग उद्योग, स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यावरण सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में एआई के इस्तेमाल पर केंद्रित होगी।

सरकार माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से भी कई एआई प्रोजेक्ट चला रही है। इनमें स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की पहचान करना, बिजली की मांग का अनुमान लगाना, पेंशनभोगियों के लिए एआई-आधारित पहचान प्रणाली बनाना और किसानों की मदद करना शामिल है।

इसके अलावा, विशाखापट्टनम के पास एक बड़ा डेटा सिटी बनाया जा रहा है, जहां डेटा सेंटर और एआई रिसर्च सेंटर होंगे। इससे लगभग 20 लाख नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।

कर्नाटक

कर्नाटक सरकार ने 2018 की शुरुआत में नैसकॉम के साथ मिलकर बेंगलुरु में डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया। इसके बाद सरकार ने कई नीतियां बनाई, जिससे राज्य में एआई और मशीन लर्निंग (ML) को बढ़ावा मिला।

राज्य ने वैश्विक कंपनियों के लिए एआई-आधारित समाधान विकसित करने के उद्देश्य से पिछले साल ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) नीति बनाई। इस नीति के तहत 2029 तक 500 नए केंद्र खोलने और 3.5 लाख से ज्यादा नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके अलावा, सरकार एआई और एमएल के लिए एक विशेष प्रशासनिक इकाई बनाने की योजना पर भी काम कर रही है। साथ ही, एआई/एमएल से जुड़े व्यावसायिक कोर्स करने वाले 200 से अधिक छात्रों को वजीफा दिया जा रहा है, ताकि इस क्षेत्र में ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके।

केरल

केरल तकनीकी निवेश पर खास ध्यान दे रहा है। उसने एक नई औद्योगिक नीति बनाई है, जिसमें एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से जुड़े उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है। इस नीति के तहत, एआई से चलने वाले छोटे-मध्यम उद्योग (MSME) और कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए करीब 18 तरह के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनी खुद की एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) नीति बनाने का फैसला किया है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य जल्द ही इस नीति का मसौदा तैयार करेगा, जिससे महाराष्ट्र को एआई तकनीक के क्षेत्र में एक अहम खिलाड़ी बनाया जा सके और तकनीकी विकास में आगे बढ़ाया जा सके।

गुजरात

गुजरात सरकार ने राज्य में तकनीक आधारित शासन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल दिसंबर में एआई टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की थी। अब, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गिफ्ट सिटी में एआई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक समझौता किया है।

यह केंद्र मशीन लर्निंग, कॉग्निटिव सर्विसेज और बॉट सर्विसेज जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करेगा। इसके जरिए अलग-अलग क्षेत्रों में एआई से जुड़े नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। सफल प्रोजेक्ट्स को बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा और एआई से जुड़ी ट्रेनिंग के लिए खास कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।

 

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