नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

यूपी में खाने-पीने की चीजों पर नई गाइडलाइंस, रेस्टोरेंट पर लिखना होगा मालिक का नाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेस्टोरेंट और खाने-पीने के प्रतिष्ठानों पर मालिक का नाम और पता डिस्प्ले करने का आदेश दिया है।
02:30 PM Sep 24, 2024 IST | Vibhav Shukla

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने खान-पान की दुकानों में गंदगी के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेस्टोरेंट और खाने-पीने के प्रतिष्ठानों पर मालिक का नाम और पता डिस्प्ले करने का आदेश दिया है। यह निर्देश खासकर उन घटनाओं के संदर्भ में आया है, जहां मानव अपशिष्ट जैसे गंदगी की मिलावट के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।

ये भी पढ़ें- हरियाणा की राजनीति में पुरुषों का वर्चस्व, क्या राज्य इस बार देख पाएगा महिला CM?

सीएम योगी ने मंगलवार को खाद्य विभाग की एक बैठक में यह निर्णय लिया। इस बैठक में उन्होंने कहा कि जूस, दाल और रोटी जैसी खाद्य वस्तुओं में मिलावट करना अस्वीकार्य है। उन्होंने सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंटों की गहन जांच करने के निर्देश भी दिए। उनके अनुसार, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि खाद्य सुरक्षा से जुड़ी सभी आवश्यकताएँ पूरी की जाएँ।

नई गाइडलाइंस की जरूरी बातें

सघन जांच: सभी खाने-पीने के प्रतिष्ठानों की सघन जांच की जाएगी। हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य होगा।

मालिक का नाम: रेस्टोरेंट और खान-पान केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर और मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना होगा।

हाइजीन के नियम: शेफ और वेटर को ग्लव्स और मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

सीसीटीवी की अनिवार्यता: होटलों और रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाना जरूरी होगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सीसीटीवी की फीड सुरक्षित रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को उपलब्ध कराई जाए।

कठोर कार्रवाई: गंदगी की मिलावट के मामलों में संचालक और प्रोपराइटर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

स्वच्छता: खान-पान के केंद्रों पर स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है। खाने की तैयारी और सर्विस के दौरान सभी व्यक्तियों को मास्क और ग्लव्स का उपयोग करना होगा।

खान-पान में गंदगी की मिलावट बर्दाश्त नहीं

बैठक के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल के दिनों में खान-पान की चीजों में मानव अपशिष्ट और गंदगी की मिलावट की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जैसे जूस, दाल और रोटी जैसी सामान्य चीजों में ऐसी मिलावट होना बेहद वीभत्स है और यह आम आदमी के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है।

योगी ने स्पष्ट किया कि ऐसे कुत्सित प्रयासों को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

सीएम ने निर्देश दिया कि ढाबों और रेस्टोरेंटों की जांच अनिवार्य है। इसके लिए एक प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाना होगा, जिसमें सभी प्रतिष्ठानों के संचालकों और वहां काम करने वाले कर्मचारियों का सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमों को शीघ्र कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

योगी सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

योगी सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था, जिसमें कांवड़ रूट पर दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का निर्देश दिया गया था। यह कदम लोगों की पहचान सुनिश्चित करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए था। लेकिन यह आदेश ज्यादा दिन तक लागू नहीं रह सका, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट में यह रोक उस समय आई जब एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की। इस याचिका में तर्क दिया गया कि ऐसे आदेशों से लोगों के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।

अब इस मामले ने सरकार के लिए फिर से चुनौती खड़ी कर दी है। योगी सरकार को एक बार फिर यह समझना होगा कि ऐसे आदेशों को लागू करने से पहले कानूनी पहलुओं का ध्यान रखना कितना जरूरी है।

Tags :
food safetyGuidelinesuttar pradeshYogi Adityanath

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article