प. बंगाल हिंसा: राज्यपाल ने बेघर हुए पीड़ितों से मुलाकात की, लोगों को दिया हरसंभव मदद का आश्वासन
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा ने राज्य में एक बार फिर राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ितों से मिलकर उनकी परेशानियों को सुना। इस दौरान उन्होंने वहां की सच्चाई को जाना और मदद का आश्वासन दिया।
वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हुई थी हिंसा
उल्लेखनीय है कि मुर्शिदाबाद में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कई लोग प्रभावित हुए थे, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद हिंसा की जड़ और इसके कारणों की जांच के लिए पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की है। लेकिन राज्य सरकार और विपक्ष दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में उलझे हुए हैं।
राज्यपाल से मिले बेघर पीड़ित परिवार
17 अप्रैल को पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में एक समूह मुर्शिदाबाद के हिंसा से प्रभावित परिवारों को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मिलने राजभवन पहुंचे। इस दौरान, इन पीड़ित परिवारों ने राज्यपाल से अपनी समस्याएं साझा की। परिवारों ने राज्यपाल से नौकरी, आर्थिक मुआवजा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थायी केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की। राज्यपाल ने पीड़ितों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और हर संभव मदद की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने राज्य सरकार से भी इस मामले में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई।
VIDEO | West Bengal Governor CV Ananda Bose leaves for Malda and Murshidabad where he will visit refugee camps and riot-affected areas. Governor Bose is expected to meet victims of the violence, assess the ground situation and hold discussions with district officials and police… pic.twitter.com/EeXfhdcsGI
— Press Trust of India (@PTI_News) April 18, 2025
प्रदर्शन के दौरान 10 हजार लोगों की भीड़ ने की थी हिंसा
मुर्शिदाबाद में हिंसा तब भड़की जब 11 और 12 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। राज्य सरकार के हलफनामे के मुताबिक, इस दौरान लगभग 10,000 लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। यह भीड़ इतनी उग्र हो गई थी कि उसने पुलिसकर्मियों से उनकी पिस्तौल तक छीन ली। भीड़ ने पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए, जिससे पुलिस को अपना बचाव करने के लिए नॉन-लेथल वेपन्स का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके बाद भीड़ ने SDPO की गाड़ी में आग लगा दी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए रि-एन्फोर्समेंट टीम को तैनात करना पड़ा। इस टीम ने 4 घंटे में नेशनल हाइवे को खाली कराया और स्थिति को नियंत्रित किया।
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप तो भाजपा ने TMC को बताया जिम्मेदार
ममता बनर्जी ने इस हिंसा के लिए केंद्र सरकार और विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया, जबकि बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात कर पीड़ितों के लिए मुआवजे और सुरक्षा की मांग की। बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार इस हिंसा को नियंत्रित करने में नाकाम रही है, और इसने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से विफल कर दिया है। बीजेपी ने यह भी कहा कि मुर्शिदाबाद जैसी घटनाएं राज्य में बढ़ती अस्थिरता को दर्शाती हैं, और ममता सरकार को इससे निपटने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
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