वक्फ कानून पर TMC सांसद के बिगड़े बोल, आंखें निकालने और हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दी
पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला इन दिनों हिंसा और सियासी तूफान का केंद्र बना हुआ है। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हुए प्रदर्शन ने जब हिंसक रूप लिया, तो तीन लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। लेकिन इस मामले को और भड़काने वाला बयान आया तृणमूल कांग्रेस के सांसद बापी हलदर की ओर से, जिन्होंने बेहद उग्र और विवादित शब्दों का इस्तेमाल किया।
TMC सांसद ने कहा, "जो वक्फ की तरफ नजर उठाएगा, उसकी आंखें निकाल लेंगे"
तृणमूल कांग्रेस के सांसद बापी हलदर ने सार्वजनिक मंच से बोलते हुए कहा कि वक्फ की संपत्ति किसी की जागीर नहीं, ये एक विशेष समुदाय की धरोहर है। अगर किसी ने उस पर नजर भी डाली, तो आंखें निकाल लेंगे और हाथ-पैर तोड़ देंगे। उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति में आग लगा दी है। भाजपा ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए विरोध किया है।
भाजपा ने कहा, "कट्टरपंथियों की खुली धमकी पर प्रशासन क्यों है मौन"
इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी का गुस्सा फूट पड़ा। बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने X पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा भड़काने और हिंदुओं को निशाना बनाने की साजिश रची जा रही है। क्या राज्य की पुलिस ने बापी हलदर के खिलाफ कोई कार्रवाई की? मजूमदार ने यहां तक कह दिया कि छुपकर पत्थरबाजी करने वालों को बेनकाब करने का समय आ गया है। ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह नाकाम हो चुकी है और अब इस बर्बरता की जवाबदेही से भाग नहीं सकती।
मुर्शिदाबाद में हाई अलर्ट, भारी पुलिस बल तैनात
ममता बनर्जी के सांसद के विवादित बयान और जिले में बढ़ते तनाव को देखते हुए मुर्शिदाबाद में भारी संख्या में पुलिस बल और केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात कर दिए गए हैं। अब तक 150 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शमशेरगंज, सुती, धुलियान जैसे इलाकों में प्रशासन सतर्क है और हालात को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहा है।
मुद्दा सिर्फ वक्फ कानून नहीं, धर्म और राजनीति का घातक मेल
इस घटना ने बंगाल की राजनीति को एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव की तरफ मोड़ दिया है। वक्फ संपत्तियों को लेकर उठे सवाल अब सीधे-सीधे हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की ओर इशारा कर रहे हैं। यह सिर्फ कानून पर बहस नहीं है, बल्कि इस बात पर भी है कि नेता अपने शब्दों से कैसे समाज में जहर घोल सकते हैं। अब जबकि जल्द ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में हिंसक प्रदर्शन राज्य की राजनीति को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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