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शशि थरूर का कांग्रेस से मोहभंग! ये बगावत राहुल गांधी को पड़ न जाए महंगी?

शशि थरूर कांग्रेस में अपनी स्थिति से नाराज हैं। क्या उनकी बगावत पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है?
01:20 PM Feb 24, 2025 IST | Vibhav Shukla

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर इन दिनों अपनी ही पार्टी में बेचैन नजर आ रहे हैं। उनके बयानों और तेवरों से लग रहा है कि वह कांग्रेस से नाराज हैं। थरूर ने हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे और केरल के सीएम पिनाराई विजयन की तारीफ करके पार्टी में हलचल मचा दी। इसके बाद उन पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने का आरोप लगा। जवाब में थरूर ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन अगर पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है, तो उनके पास भी विकल्प मौजूद हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर शशि थरूर क्यों नाराज हैं और क्या उनकी यह बगावत कांग्रेस के लिए महंगी पड़ सकती है?

कांग्रेस में हाशिए पर धकेले जाने से नाराज हैं शशि थरूर

शशि थरूर कांग्रेस के चार बार के सांसद हैं और केरल के तिरुवनंतपुरम से लगातार जीतकर आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से वह पार्टी में खुद को हाशिए पर महसूस कर रहे हैं। उन्हें न तो पार्टी संगठन में कोई अहम पद दिया गया है और न ही उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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पिछले दिनों कांग्रेस ने अपने संगठन में कई बदलाव किए, जिसमें दो नए महासचिव नियुक्त किए गए और कई राज्यों के प्रभारी बदले गए। लेकिन इन बदलावों में भी थरूर को कोई भूमिका नहीं दी गई। इसके चलते थरूर की नाराजगी बढ़ती जा रही है।

पीएम मोदी और केरल सीएम की तारीफ कर विवादों में आए थरूर

शशि थरूर ने हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे और केरल के सीएम पिनाराई विजयन की तारीफ करके पार्टी में विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के सकारात्मक परिणाम देश के लिए अच्छे हैं। इसके अलावा, उन्होंने केरल की LDF सरकार की औद्योगिक नीति की भी तारीफ की। थरूर के इन बयानों से कांग्रेस में खलबली मच गई और उन पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने का आरोप लगा।

कांग्रेस अध्यक्ष पद की हार के बाद से बदला माहौल

2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था, जिसमें शशि थरूर ने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने खरगे की टीम में काम करने की इच्छा जताई थी। लेकिन गांधी परिवार का विश्वास जीतने में वह नाकाम रहे। इसके बाद से थरूर को पार्टी में साइडलाइन कर दिया गया। थरूर ने राहुल गांधी से मुलाकात करके अपनी नाराजगी जताई थी और कहा था कि उन्हें संसद में महत्वपूर्ण बहसों में बोलने का मौका नहीं मिलता।

लगातार चार बार सांसद चुने गए लेकिन मिला क्या?

शशि थरूर केरल से लगातार चार बार सांसद चुने गए हैं और वह राज्य में अपने लिए एक बड़ा सियासी मुकाम तलाश रहे हैं। उन्हें लगता है कि पार्टी उन्हें केरल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के बजाय उन्हें पीछे धकेल रही है। थरूर ने राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को केरल में एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है, लेकिन पार्टी उन्हें आगे बढ़ाने के बजाय केसी वेणुगोपाल को तरजीह दे रही है।

क्या थरूर की बगावत कांग्रेस के लिए बन सकती है मुसीबत?

शशि थरूर ने साफ संकेत दे दिए हैं कि अगर कांग्रेस उन्हें उचित महत्व नहीं देती है, तो उनके पास अन्य विकल्प भी हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास किताबें लिखने, भाषण देने और दुनिया भर से निमंत्रण मिलने जैसे विकल्प मौजूद हैं। इसके अलावा, उन्होंने पीएम मोदी और केरल सीएम की तारीफ करके यह संकेत भी दिया है कि उनके लिए बीजेपी और लेफ्ट दोनों के रास्ते खुले हुए हैं। अगर थरूर कांग्रेस छोड़ते हैं, तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका हो सकता है, खासकर केरल में जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

कांग्रेस छोड़ा तो क्या करेगें थरूर?

शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी को साफ संदेश दिया है कि अगर पार्टी उन्हें अपनी ज़रूरत समझे तो वो हमेशा तैयार रहेंगे, लेकिन अगर पार्टी को उनकी कोई ज़रूरत नहीं है तो उनके पास और भी कई काम हैं। थरूर ने कहा कि कांग्रेस को ये नहीं सोचना चाहिए कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं हैं। उनके पास किताबें, भाषण और दुनिया भर से मिलने वाले निमंत्रण हैं। इसका मतलब है कि थरूर के पास कांग्रेस के अलावा भी अपने लिए कई रास्ते खुले हैं, लेकिन इसके साथ ही सियासी हलकों में कुछ कयास भी लगाए जा रहे हैं।

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थरूर ने पीएम मोदी की डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की तारीफ की और कहा कि इससे देश के लिए अच्छे नतीजे निकल सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने केरल की एलडीएफ सरकार की औद्योगिक नीति की भी सराहना की और कहा कि केरल टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री में बदलाव लाने के लिए अच्छी स्थिति में है।

शशि थरूर ने कभी किसी खास विचारधारा या सियासी आंदोलन से प्रभावित होकर राजनीति में कदम नहीं रखा। इस वजह से उनके पास राजनीति में कई विकल्प खुले हुए हैं। पीएम मोदी और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की तारीफ करने से यह साफ हो गया है कि थरूर के लिए बीजेपी और लेफ्ट दोनों ही दरवाजे खुले हैं। अगर थरूर पार्टी छोड़ते हैं तो कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में परेशानी हो सकती है। हालांकि, थरूर ने यह भी साफ किया है कि वह फिलहाल पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं रखते।

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