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ED दफ्तर पहुंचे रॉबर्ट वाड्रा, कहा- ‘संसद में राहुल की और बाहर मेरी आवाज दबाई जा रही है..’

रॉबर्ट वाड्रा ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी वह जनता के मुद्दों पर बोलते हैं, उन्हें दबाने की कोशिश होती है। राहुल गांधी की आवाज संसद में दबाई जाती है, और यहां मेरी आवाज को कुचला जा रहा है। पर मैं पीछे नहीं हटूंगा।
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हरियाणा के शिकोहपुर जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा मंगलवार को जांच एजेंसी के सामने पेश हुए। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस केस में उन्हें दूसरी बार समन भेजा गया था, जिसके बाद वे दिल्ली स्थित ED दफ्तर पहुंचे। वाड्रा ने मीडिया से बातचीत में तीखा हमला करते हुए कहा कि मेरे खिलाफ ED को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन मैं न तो डरा हूं, न ही भाग रहा हूं। जो भी सवाल होंगे, मैं जवाब देने को तैयार हूं। मेरे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है।

कहा, "संसद में राहुल की, ED दफ्तर में मेरी आवाज दबाई जाती है"

रॉबर्ट वाड्रा ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी वह जनता के मुद्दों पर बोलते हैं, उन्हें दबाने की कोशिश होती है। राहुल गांधी की आवाज संसद में दबाई जाती है, और यहां मेरी आवाज को कुचला जा रहा है। पर मैं पीछे नहीं हटूंगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या गिरफ्तारी के लिए भी तैयार हैं, तो उनका जवाब था, "मैं हर चीज़ के लिए तैयार हूं। 20 साल से ये लोग कुछ ढूंढ नहीं पाए हैं। अगर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है, तो सबूत लेकर आएं। ये सिर्फ राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।"

क्या है शिकोहपुर जमीन घोटाला?

दरअसल यह पूरा मामला एक जमीन घोटाले से जुड़ा हुआ है जो 2008 में शुरू हुआ था, जब हरियाणा की सत्ता में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड को गुरुग्राम के शिकोहपुर इलाके में 3.53 एकड़ जमीन महज 7.50 करोड़ रुपये में कॉलोनी डेवलपमेंट के लिए दी गई थी। लेकिन कंपनी ने जमीन पर कॉलोनी नहीं बनाई, बल्कि 2012 में यह जमीन 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेच दी। आरोप है कि इस डील के जरिए वाड्रा की कंपनी ने करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया।

Robert Vadra Priyanka Gandhi

जमीन घोटाले को लेकर वाड्रा पर भाजपा ने साधा निशाना

गौर करने वाली बात यह है कि हरियाणा सरकार ने इस जमीन को वाणिज्यिक कॉलोनी के तौर पर विकसित करने की अनुमति दी थी, लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने लाइसेंस ट्रांसफर को अंतिम मंजूरी नहीं दी थी। इसी घोटाले को लेकर भाजपा तथा अन्य प्रमुख पार्टियां रॉबर्ट वाड्रा तथा कांग्रेस पर निशाना साधती रही हैं। अब इसी मामले में वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कार्यालय में उपस्थित होने के लिए समन दिया गया था। वाड्रा खुद को निर्दोष बताते हुए भाजपा पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई का भी आरोप लगाते हैं।

ED की नजर में क्यों आए वाड्रा?

प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि इस सौदे के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। इसीलिए उन्हें PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत पूछताछ के लिए बुलाया गया है। हालांकि इस पूरे मुद्दे पर वाड्रा ने दावा करते हुए कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह सत्ता पक्ष को सीधे सवालों के घेरे में लाते हैं।

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