‘लालू-नीतीश और मोदी के चेहरे नहीं, मुद्दे देखो’ – औरंगाबाद में प्रशांत किशोर ने की अपील
जन सुराज अभियान के अगुवा प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। औरंगाबाद की ज़मीन से उन्होंने एक ऐसी बात कह दी जो हर वोटर को सोचने पर मजबूर कर दे। पीके ने कहा—"लालू, नीतीश या मोदी के चेहरे को देखकर वोट मत दो। अगली बार वोट डालो तो अपने बच्चों की शिक्षा, घर में रोजगार और अपने भविष्य के लिए सोचकर दो।"
हर सरकारी काम में घूस, और जनता हो रही है बेहाल
अपनी जनसभा के दौरान पीके ने बिहार की भ्रष्ट व्यवस्था पर करारा हमला बोला। उन्होंने खुलकर कहा कि आज राज्य में राशन कार्ड बनवाना हो या ज़मीन की रसीद कटवानी हो—हर जगह रिश्वत का खेल चल रहा है। अधिकारी और नेता जनता की जेब काटने में लगे हैं, और आम आदमी इन सबके बीच पिस रहा है। प्रशांत किशोर ने जनता से कहा—"अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे भी गर्व से कहें कि हम बिहार के हैं, तो अब सिर्फ जात-पात या चेहरे देखकर वोट देना बंद करिए। अगली बार सोचिए कि किसने आपके घर के चूल्हे की चिंता की?"
2025 से पेंशन और रोजगार की गारंटी
जनसभा में पीके ने बड़े वादे करते हुए कहा कि दिसंबर 2025 से 60 वर्ष से ऊपर के हर बुजुर्ग को ₹2000 प्रति माह पेंशन दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में किसी भी युवा को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी के लिए घर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। प्रशांत ने जनता से वादा करते हुए कहा कि छठ पूजा के बाद, बिहार का युवा अपने घर पर ही इज्जत की नौकरी करेगा।
शिक्षा को लेकर किया बड़ा एलान
शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की बात करते हुए प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि जब तक सरकारी स्कूलों की हालत सुधरती नहीं, तब तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा और उनकी फीस सरकार खुद चुकाएगी। उन्होंने कहा—"गरीब का बच्चा भी अब अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल में पढ़ेगा, यही है असली जन सुराज।" कुल मिलाकर प्रशांत किशोर का संदेश साफ है—अब वक्त आ गया है राजनीति के पुराने ढर्रे को बदलने का। क्या बिहार की जनता अब चेहरे नहीं, मुद्दे देखेगी?
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